नई दिल्ली: व्यापारियों के संगठन कैट ने रविवार को दिल्ली सरकार से कोरोना के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए कम-से-कम 15 दिन का 'लॉकडाउन' लगाने का आग्रह किया है. कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि यह दिल्ली के लोगों और व्यापारियों के हित में जरूरी है.


कैट ने कहा कि यह सही है, दिल्ली में लॉकडाउन से कारोबार और आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी, लेकिन अभी लोगों का जीवन पहली प्राथमिकता है. व्यापारियों के संगठन ने एक बयान में कहा, 'दिल्ली में तत्काल प्रभाव से 15 दिन के लिए लॉकडाउन लगाया जाना चाहिए. दिल्ली में एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और सभी सीमावर्ती इलाकों में कोरोना जांच के कड़े उपाय होने चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो कि कोरोना वायरस प्रभावित व्यक्ति राष्ट्रीय राजधानी में एंट्री न करे.'


"मॉल बंद होने से कारोबार, रोजगार प्रभावित"
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कई राज्य सरकारों ने स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाया है. ऐसे में शॉपिंग सेंटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एससीएआई) ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के प्रसार को रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने से उद्योग का कारोबार करीब 50 फीसदी गिर गया है. 


एसोसिएशन ने बयान में कहा, "कुछ राज्यों में स्थानीय अंकुशों, मॉल बंद होने और सप्ताहांत कर्फ्यू की वजह से कारोबार, पुनरुद्धार और संगठित खुदरा क्षेत्र में रोजगार प्रभावित होगा. कोविड पूर्व से पहले उद्योग मासिक आधार पर 15,000 करोड़ रुपये का कारोबार कर रहा था. मार्च 2021 के मध्य में यह आंकड़ा फिर हासिल हो गया था. लेकिन स्थानीय स्तर पर अंकुशों के बाद अब उद्योग का कारोबार 50 प्रतिशत नीचे आ गया है."


एससीएआई के अनुसार देशभर में मॉल्स का कारोबार करीब 90 प्रतिशत पर और लोगों की आवाजाही 75 प्रतिशत पर पहुंच गई थी. लेकिन स्थानीय स्तर पर अंकुशों के बाद अब इसमें जबर्दस्त गिरावट आई है. एससीएआई ने कहा कि सरकार के टीकाकरण के प्रयासों में मदद के लिए हमने राज्य सरकारों से मॉल्स में टीकाकरण शिविर लगाने का भी आग्रह किया है.


ये भी पढ़ें-
संकट की घड़ी में हो रही रेमडेसिविर की कालाबाजारी, abp के स्टिंग ऑपरेशन में दिखे कोरोना काल के 'गिद्ध'


महाराष्ट्र में 1 दिन में 503 लोगों ने तोड़ा दम, रिकॉर्ड 68 हज़ार से ज्यादा लोग संक्रमित