नई दिल्ली: कलकत्ता हाईकोर्ट ने मुहर्रम जुलूस के मद्देनजर दुर्गा पूजा विसर्जन पर रोक लगाए जाने पर ममता सरकार फटकार लगाई है. हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने सरकार से सवाल किया, ''जब मुंबई पुलिस एक साथ गणेश पूजा का विसर्जन और मुहर्रम के जुलूस का आयोजन करवा सकती है तो बंगाल सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती?''


कोर्ट ने ममता सरकार से कड़े शब्दों में कहा कि सिर्फ किसी हादसे की आशंका के चलते हम कोर्ट की कार्रवाई बंद कर अदालत को ख़ाली तो नहीं कर सकते. कोर्ट ने कहा कि जब आप कहते हैं कि प्रदेश में सांप्रदायिक सद्भाव है तो फिर आप भेदभाव क्यों पैदा कर रहे हैं? इस मामले में अब कल कलकत्ता हाईकोर्ट फैसला सुना सकता है.


क्या है पूरा मामला ?
ममता सरकार ने मुहर्रम के जुलूस के मद्देनज़र पूरे प्रदेश में में 30 सितंबर शाम 6 बजे के बाद और 2 तारीख़ की सुबह के बीच दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन पर रोक लगा दी थी. इस पर कई लोगों ने हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था.


राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में समय बढ़ाते हुए अदालत को बताया कि 30 तारीख़ की रात 10 बजे तक विसर्जन हो सकेगा. ममता सरकार ने अपने हलफ़नामे में रोक की वजह मुहर्रम के दौरान सांप्रदायिक माहौल को बरकरार रखने की बात कही थी. राज्य सरकार के इसी हलफ़नामे और बयान पर बिफरते हुए अदालत ने ममता सरकार को फटकार लगायी है.