कलकत्ता हाईकोर्ट से BJP के नंदीग्राम से विधायक शुभेंदु अधिकारी और उनके भाई सौमेंदु अधिकारी को सोमवार को कोई राहत नहीं मिल पाई. तारापुलिन राहत सामग्री चोरी केस में दर्ज केस को खारिज करने के लिए कोलकाता हाईकोर्ट पहुंचे थे. अब इस मामले में अगली सुनवाई 22 जून को होगी. जांच पर किसी तरह की कोई रोक अब तक इस मामले में नहीं लगाई गई है.


गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के कांथी में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी और उनके भाई सौमेंदु अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. तृणमूल कांग्रेस ने दोनों नेताओं पर नगरपालिका से राहत सामग्री चोरी करने का आरोप लगाया है. इसी सिलसिले में एफआईआर दर्ज की गई है. 


बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले शुभेंदु अधिकारी टीएमसी को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ा था और ममता को करारी मात भी दी थी. चुनाव परिणाम के बाद से ही बीजेपी नेता और टीएमसी के बीच मतभेद साफ तौर पर दिख रहा है.


बता दें कि, बीजेपी ने नंदीग्राम से विधायक और कभी ममता बनर्जी के करीबी रहे शुभेंदु अधिकारी को पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना है. केंद्र ने उनके पिता शिशिर अधिकारी और भाई दिव्येंदु अधिकारी को वाई प्लस (Y+) कैटेगरी की सुरक्षा दे रखी है.


शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नंदीग्राम सीट से 1956 वोटों से मात दी थी. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी मुख्य विपक्षी पार्टी बनकर उभरी है. कुल 292 सीटों में से टीएमसी ने  213 सीटों पर जीत दर्ज की है. 2016 के चुनाव में टीएमसी ने 211 सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी के खाते में 77 सीटें गई है. दो सीटों पर अन्य ने जीत दर्ज की. वहीं कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन का खाता तक नहीं खुला था.     


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