Paresh Rawal's Remarks: कलकत्ता HC से मिली परेश रावल को राहत, पुलिस को सख्त कार्रवाई नहीं करने का आदेश
West Bengal News: परेश रावल पर गुजरात चुनाव के दौरान कथित रूप से बंगालियों को बांग्लादेशी कहने का आरोप है. कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 6 फरवरी को करेगी.
Paresh Rawal Anti-Bengali Jibe Case: बॉलीवुड अभिनेता और बीजेपी नेता परेश रावल को कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने तलातला पुलिस को परेश की ओर से बंगालियों के लिए मछली पकाओ टिप्पणी के लिए कोई कठोर कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है. कोर्ट का कहना है कि परेश रावल ने इस पर पहले ही माफी मांग ली थी.
कलकत्ता हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने आदेश दिया कि परेश रावल के खिलाफ कोलकाता पुलिस की ओर से कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए. अदालत के आदेश के अनुसार यदि जरूरी होगा तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनसे पूछताछ की जा सकती है.
CPM नेता ने दर्ज कराया था मुकदमा
परेश रावल पर गुजरात चुनाव के दौरान बंगालियों का अपमान करने का आरोप है. इस मामले में उनके खिलाफ CPM के पश्चिम बंगाल प्रभारी मोहम्मद सलीम ने मुकदमा दर्ज कराया था. उनके खिलाफ IPC की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 153A (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153B (भाषाई या नस्लीय समूहों के अधिकारों से वंचित करना), 504 (भड़काने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और 505 (सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
क्या है पूरा मामला?
गुजरात चुनाव के दौरान परेश रावल ने बीजेपी की ओर से चुनावी रैलियां की थीं. इस दौरान उन्होंने एक रैली में कहा था, "गैस सिलेंडर महंगे हैं, लेकिन उसकी कीमतें कम हो जाएंगी. लोग रोजगार भी पा जाएंगे, लेकिन क्या होगा यदि रोहिंग्या प्रवासी और बांग्लादेशी आप के आसपास रहना शुरू कर दें जैसा कि दिल्ली में है? आप गैस सिलेंडर का क्या करेंगे? बंगालियों के लिए मछली पकाएंगे?" बंगाल में परेश रावल के इस बयान का खूब विरोध हुआ था. CPM नेता ने उनके ऊपर FIR भी दर्ज करा दी थी.