कोलकाता: कलकत्ता हाईकोर्ट ने आज एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई की, जिसमें आरोप लगाया गया है कि ममता बनर्जी ने केवल एक भवानीपुर सीट पर चुनाव कराने के लिए मुख्य सचिव का इस्तेमाल किया. सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग की निंदा की और भवानीपुर सीट पर उपचुनाव कराने को लेकर तमाम सवाल उठाए.


याचिका में मुख्य सचिव की चिट्ठी पर उठाए गए सवाल पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल ने पूछा कि कैसे मुख्य सचिव के पत्र पर चुनाव आयोग ने कार्रवाई की. अदालत ने पूछा सिर्फ एक ही सीट पर ही उपचुनाव क्यों. बाकी सीटों पर क्यों उपचुनाव क्यों नहीं. अदालत ने पूछा उपचुनाव पर कितना खर्च होता है? ये भी कहा कि जब कोई इस सीट पर जीत चुका था, फिर किसी और के लिए सीट खाली कर दी, तो फिर जनता के पैसों से क्यों ये चुनाव हो रहा है?


दरअसल, मुख्य सचिव ने चिट्ठी लिखकर कहा था कि भवानीपुर में चुनाव होने चाहिए क्योंकि ममता वहां से चुनाव लड़ सकती हैं. चिट्ठी में लिखा गया था कि चुनाव नहीं हुआ तो राज्य में संविधानिक संकट पैदा हो सकता है. इसलिए भवानीपुर में उप चुनाव की घोषणा की जा रही है. हालांकि हाईकोर्ट ने अभी अपना फैसला सुरक्षित रखा है. भवानीपुर में 30 सितंबर को उपचुनाव होना है.


जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने सवाल किया कि भवानीपुर के अलावा, चार विधानसभा क्षेत्र हैं - गोसाबा, खरदाह, शांतिपुर और दिनहाटा, जहां सीटें खाली पड़ी हैं. तब क्यों भवानीपुर को एक अपवाद के रूप में माना गया और अगर दक्षिण कोलकाता निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव नहीं हुआ तो किस तरह का संवैधानिक संकट पैदा होगा.


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