Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के बीच बीजेपी को कलकत्ता हाईकोर्ट से झटका लगा है. हाईकोर्ट ने बीजेपी की उस मांग को ठुकरा दिया है, जिसमें हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें पार्टी को टीएमसी के खिलाफ आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करने वाले विज्ञापन प्रकाशित करने पर चार जून तक रोक लगा दी थी.
दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सोमवार को एक आदेश जारी कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करने वाले विज्ञापन प्रकाशित करने पर चार जून तक रोक लगा दी. लोकसभा चुनाव प्रक्रिया चार जून को समाप्त होगी.
कोर्ट ने आदेश में भाजपा को उन विज्ञापनों को प्रकाशित करने से भी रोक दिया, जिनका उल्लेख तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने अपनी याचिका में किया था. टीएमसी ने विज्ञापन में पार्टी और कार्यकर्ताओं के खिलाफ असत्यापित आरोप लगाए जाने का दावा किया.
निर्वाचन आयोग के प्रति अदालत ने जताई नाखुशी
जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य की एकल पीठ ने भाजपा को चार जून तक या अगली सूचना तक मीडिया के किसी भी प्रारूप में एमसीसी का उल्लंघन करने वाले विज्ञापन प्रकाशित करने से रोक दिया. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता टीएमसी द्वारा संलग्न समाचार पत्रों के विज्ञापनों को देखने से पता चलता है कि ये एमसीसी का उल्लंघन हैं. अदालत ने शिकायतों का तुरंत समाधान नहीं करने के लिए निर्वाचन आयोग के प्रति भी अप्रसन्नता जताई, खासकर तब जब लोकसभा चुनाव के अधिकतर चरण पहले ही संपन्न हो चुके हैं.
TMC के खिलाफ विज्ञापन प्रकाशित कर रही BJP
टीएमसी की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि भाजपा कुछ समाचार पत्रों में पार्टी को निशाना बनाकर विज्ञापन प्रकाशित करवा रही है, जिसमें एमसीसी और निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देश का उल्लंघन हुआ है. निर्वाचन आयोग के वकील ने अदालत में कहा कि आयोग के पास अपनी सलाह और एमसीसी का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की शक्तियां हैं और उसने शिकायत के आधार पर कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए 21 मई की तारीख तय की है.
निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना चाहता याचिकाकर्ता - कलकत्ता HC
आयोग के वकील ने चुनाव के संचालन से संबंधित मामलों में अदालतों के हस्तक्षेप पर रोक लगाने वाले संविधान के प्रावधानों का भी हवाला दिया. अदालत ने कहा कि वर्तमान याचिका में याचिकाकर्ता एमसीसी के उल्लंघन करने वाले विज्ञापनों के प्रकाशन को रोककर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना चाहता है.