बंगाल सरकार को बड़ा झटका, कलकत्ता हाईकोर्ट ने चुनाव बाद हिंसा पर CBI जांच का दिया आदेश
अदालत के समक्ष कई जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं, जिसमें आरोप लगाया गया था कि चुनाव के बाद की हिंसा में लोगों के साथ मारपीट की गई, उन्हें घर से भागने के लिए मजबूर किया गया.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा झटका लगा है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने चुनाव बाद हिंसा मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने एसआईटी टीम के गठन का भी निर्देश दिया है और राज्य सरकार को पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए कहा है.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा के मामलों में हत्या और महिलाओं के खिलाफ अपराध, बलात्कार सहित मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों की अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने अन्य सभी मामलों की जांच एसआईटी को सौंपी है.
SIT की निगरानी कोर्ट भी करेगा
बेंच ने बताया कि एसआईटी की निगरानी कोर्ट भी करेगा. मामले की सुनवाई कर रहे कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने कहा कि अलग-अलग फैसले हैं लेकिन सभी सहमत हैं. अदालत के समक्ष कई जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं, जिसमें आरोप लगाया गया था कि चुनाव के बाद की हिंसा में लोगों के साथ मारपीट की गई, उन्हें घर से भागने के लिए मजबूर किया गया और उनकी संपत्ति को नष्ट कर दिया गया और इन आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग की गई.
मामले में 3 अगस्त को सुनवाई पूरी हुई थी और हाईकोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुनाया. जिसमें न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी, हरीश टंडन, सौमेन सेन और सुब्रत तालुकदार शामिल थे. पीठ ने पहले एनएचआरसी अध्यक्ष को "चुनाव के बाद की हिंसा" के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित करने का आदेश दिया था. रिपोर्ट सौपने के बाद अब अगली सुनवायी 24 अक्टूबर को होगी.
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