Calcutta High Court: कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार को कोलकाता और उससे सटे बिधाननगर (सॉल्ट लेक) में बार और रेस्तरां में हुक्के के इस्तेमाल पर निकाय अधिकारियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को रद्द कर दिया. नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने हाई कोर्ट का रुख किया और दावा किया कि दोनों शहरों में इस तरह के रेस्तरां और बार ने केंद्र सरकार के सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण के विज्ञापन और विनियमन का निषेध) अधिनियम, 2003 के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है.
जस्टिस राजशेखर मंथा ने कहा कि "पश्चिम बंगाल सरकार ने इस संबंध में कोई नियम नहीं बनाया है इसलिए किसी भी नियम के अभाव में कोलकाता और बिधाननगर के नगर निगम वैध लाइसेंस वाले बार और रेस्तरां में हुक्के के इस्तेमाल के खिलाफ आदेश पारित नहीं कर सकते हैं."
कोर्ट ने कहा कि रेस्तरां और बार को वहां हुक्के के इस्तेमाल के लिए अलग से ट्रेड लाइसेंस की जरूरत नहीं है. कोर्ट ने कहा, "उपरोक्त के विपरीत कोलकाता नगर निगम या बिधाननगर नगर निगम द्वारा जारी कोई भी निर्देश अवैध और कानून की दृष्टि से उचित नहीं है."
जस्टिस राजशेखर मंथा ने कहा कि हालांकि इन प्रतिष्ठानों को सीओटीपी अधिनियम 2003 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करना जरूरी है.