नई दिल्लीः फेसबुक यूजर्स के डेटा में सेंधमारी करने वाली कंपनी कैम्ब्रिज एनेलिटिका की मुख्य कंपनी SCL के अधिकारी रहे क्रिस्टोफर वायली ने बड़ा खुलासा किया है. वायली ने बताया कि चोरी किए हुए डेटा के इस्तेमाल से भारत के कई राज्यो में जातिगत रिसर्च डेटा तैयार किया गया. साल 2003 में कंपनी ने  भारत के कई राज्यों के चुनाव में काम किया.


वायली ने ट्वीट किया, '' मुझे भारतीय पत्रकारों के कई सारे मैसेज मिले. मैं भारत के साथ SCL कंपनी के कुछ पुराने प्रोजेक्ट के दस्तावेज शेयर कर रहा हूं. सबसे ज्यादा मुझसे पूछा गया कि क्या SCL/कैम्बिज एनालिटिका भारत में काम करती है, उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि इन कंपनियों का ऑफिस भारत में हैं. इस दस्तावेज के जरिए समझिए कि वर्तमान उपनिवेशवाद कैसा दिखता है.''


इन डॉक्यूमेंट में बेहद माइक्रो लेवल पर जातिगत डेटा शामिल है इसमें 600 जिले और 7 लाख गावों का डेटा दिया गया है.





कांग्रेस हो सकती है CA की क्लाइंट
कैम्ब्रिज एनेलिटिका डेटा लीक मामले में व्हिसिल ब्लोअर क्रिस्टोफर वायली ने ब्रिटिश संसद के सामने दिए गए बयान में बताया कि भारतीय राजनीतिक पार्टी कांग्रेस कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी की क्लाइंट थी. इस खुलासे पर बीजेपी ने राहुल गांधी से झूठ बोलने के लिए देश से माफी मांगेने के कहा है.


क्रिस्टोफर वाइली ने कहा, ''भारत में कंपनी का एक दफ्तर भी था. मेरा मानना है कि कांग्रेस कंपनी की क्लाइंट थी. मुझे इसका कोई नेशनल प्रोजक्ट याद नही, लेकिन रीजनल प्रोजेक्ट था. भारत इतना बड़ा देश है कि वहां का एक राज्य ब्रिटेन से बड़ा है. मेरे पास भारत पर कंपनी के कुछ डाक्यूमेंट हैं अगर जरुरत पड़ी तो मैं मुहैया करा सकता हूं.''


कौन क्रिस्टोफर वायली हैं
क्रिस्टोफर वायली एक डेटा साइंटिस्ट है जिन्होंने कैंब्रिज एनेलिटिका कंपनी को शुरू करने में मदद की. कंपनी के गैर कानूनी कामों की जानकारी के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी. फेसबुक डेटा लीक होने का खुलासा वायली ने ही किया. वे इस मामले में व्हिसिल ब्लोअर हैं.


क्या है कैंब्रिज एनालिटिका को लेकर विवाद


कैंब्रिज एनालिटिका एक पॉलिटिकल कंसल्टेंसी फर्म है जिसने करीब 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स का डेटा एक थर्ड पार्टी एप के जरिए एक्सेस किया. चैनल 4 के स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ कि इस डेटा का इस्तेमाल अमेरिका में हुए 2016 चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को फायदा पहुंचाने, और ब्रिक्जिट में जनमत संग्रह बदलने में किया गया.