नई दिल्ली: फेसबुक के जरिए वोटर फिक्सिंग में अमेरिकी स्टिंग की गूंज ने भारत में भी दस्तक दे दी है. कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत में अगर डेटा चोरी की शिकायतें मिलीं या फिर चुनाव प्रक्रिया में दखल देने की बात सामने आई तो किसी को छोड़ा नहीं जाएगा. कानून मंत्री ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो फेसबुक पर भी कार्रवाई करेंगे और फेसबुक के मालिक मार्क ज़करबर्ग को भारत तलब भी किया जा सकता है.


रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पार्टी पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि क्या चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस ऐसे हथकंडे अपनाएगी? उन्होंने कहा कि ये मामला एक बदनाम कंपनी का नहीं बल्कि देश में ईमानदार चुनाव का है.


प्रेस की आजादी का सम्मान लेकिन चुनाव को प्रभावित करना बर्दाश्त नहीं- -रविशंकर प्रसाद
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''हम प्रेस की आजादी और बोलने की आजादी का पूरा समर्थन करते हैं. हम सोशल मीडिया पर खुले विचारों के संप्रेषण का भी समर्थन करते हैं. लेकिन सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर अवांछनीय तरीके से चुनावों को प्रभावित करने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.''





डेटा मैनिपुलेशन करके इलेक्शन जीतेगी कांग्रेस? -रविशंकर प्रसाद
कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''ऐसी कंपनियों से कांग्रेस को क्यों प्रेम हो जाता है? कांग्रेस पार्टी से मेरा सवाल है कि क्या वो डेटा मैनिपुलेशन करके इलेक्शन जीतेंगे? कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सोशल मीडिया प्रोफाइल में कैंब्रिज एनालिटिका की क्या भूमिका है?


2019 के चुनावों को प्रभावित करना चाहती है कांग्रेस? -रविशंकर प्रसाद
रविशंकर प्रसाद ने अखबारों के माध्यम से कांग्रेस पर कैंब्रिज एनालिटिका के जरिए 2019 के चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगाया? रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस बताए कि गुजरात, हिमाचल चुनाव और कर्नाटक में होने वाले चुनाव के लिए कैम्ब्रिज एनालिटिका की सेवाएं ली हैं या नहीं?





कांग्रेस का जवाब- फेक न्यूज की फैक्ट्री चला रही है बीजेपी
बीजेपी के हमले पर कांग्रेस की कड़ी प्रतिक्रिया आई है. कांग्रेस ने बीजेपी पर फेक न्यूज़ फैलाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''बीजेपी की फेक न्यूज़ फैक्ट्री ने आज एक और फेक प्रोडक्ट बनाया है. ऐसा लगता है जैसे रोज झूठे बयान, झूठी प्रेस कॉन्फ्रेंस, झूठे एजेंडा बीजेपी और 'कानून रहित' कानून मंत्री का चरित्र बन गए हैं''





उन्होंने कहा, ''कांग्रेस अध्यक्ष ने कभी भी कैम्ब्रिज एनेलिटिका नाम की कंपनी की सेवाएं नहीं लीं. कानून मंत्री द्वारा ये सफूद झूठ और झूठा एजेंडा फैलाया जा रहा है. कैम्ब्रिज एनेलिटिका से जुड़ी वेबसाइट बताती है कि 2010 में बीजेपी-जेडीयू ने इसका इस्तेमाल किया. कैम्ब्रिज एनेलिटिका की भारतीय साझेदार ओबलेन बिजनेस इंटेलीजेंस कंपनी बीजेपी के सहयोगी सांसद के सहयोगी का बेटा चलाता है. 2009 में राजनाथ सिंह ने इस कंपनी की सेवाएं लीं.''


इन सबूतों के आधार पर बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया डेटा चोरी के जरिए चुनाव में फायदा लेने का आरोप


कैम्ब्रिज एनेलिटिका पर क्या आरोप है?
कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी पर आरोप है कि फेसबुक पर एक ऐप चला कर करीब 5 करोड़ लोगों का डेटा चुराया. इस डेटा का इस्तेमाल 2016 में अमेरिका राष्ट्रपकि डॉनल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव जिताने के लिए किया गया.


क्या है पूरा मामला?
ब्रिटेन के चैनल 4 ने कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी के बड़े अधिकारियों का स्टिंग ऑपरेशन किया. कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी दुनिया भर के राजनीतिक दलों के लिए चुनाव के वक्त सोशल मीडिया पर कैंपन चलाती है. स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ है कि अपने राजनीतिक दल को जीत दिलाने के लिए ये हर गलत हथकंडे का इस्तेमाल करती है.


स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ है कि आप फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया पर जो समय बिताते हैं, जो बाते लिखते हैं उनका इस्तेमाल कर कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी एक विशेष राजनीतिक पार्टी जो उनकी क्लाइंट होती है उसे फायदा पहुंचाती है.


कैसे काम करती हैं इस तरह की कंपनियां?
इस तरह की कंपनियां सोशल मीडिया जैसे प्लेटफॉर्म से डेटा चुराती हैं. राजनीति के लिए आपकी पसंद और नापसंद के डेटा का विश्लेषण करती हैं. इस डेटा के आधार पर ही ये कंपनियां सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाती हैं.


इतना ही नहीं ये कंपनियां नेताओं के भाषण, मेनिफेस्टो के मुद्दे इसी आधार पर तैयार करती हैं. प्रतिद्वंदी पार्टियों के नेताओं के डर्टी सीक्रेट, सेक्स स्कैंडल वाले वीडियो जासूसों से बनवाए जाते हैं. इन्हें सोशल मीडिया पर परोस दिया जाता है.


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