वोटर फिक्सिंग: कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी ने 2010 में बिहार चुनाव में जेडीयू से किया था करार-कांग्रेस
बीजेपी ने आरोप लगाया है कि 2019 चुनाव के लिए कांग्रेस कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी की मदद ले रही है. बीजेपी के इस आरोप पर कांग्रेस ने इस कंपनी का बीजेपी से ही कनेक्शन ढूंढ लिया.
नई दिल्ली: बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी की मदद कांग्रेस 2019 चुनाव के लिए ले रही है. कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अखबारों के जरिए कांग्रेस पर कैम्ब्रिज एनालिटिका के जरिए 2019 के चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगाया.
बीजेपी के इस आरोप पर कांग्रेस ने इस कंपनी का बीजेपी से ही कनेक्शन ढूंढ लिया. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''कैम्ब्रिज एनेलिटिका की भारतीय साझेदार ओबलेन बिजनेस इंटेलीजेंस कंपनी बीजेपी के सहयोगी सांसद के सहयोगी का बेटा चलाता है. 2009 में राजनाथ सिंह ने इस कंपनी की सेवाएं लीं.''
क्या है पूरा मामला? दरअसल कांग्रेस का दावा है कि कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी ने 2010 में बिहार चुनाव में जेडीयू से करार किया था. दावा है कि कंपनी की मदद से 2010 के चुनाव में जेडीयू की सीटें 90 फीसदी तक बढ़ गई थीं.
कांग्रेस ने कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी से जेडीयू का एक और कनेक्शन बताया है. कांग्रेस के मुताबिक पूर्व सांसद केसी त्यागी के बेटे अमरीश त्यागी कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी की पैरेंट कंपनी एससीएल से जुड़े रहे हैं.
कैम्ब्रिज एनेलिटिका पर क्या आरोप है? कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी पर आरोप है कि फेसबुक पर एक ऐप चला कर करीब 5 करोड़ लोगों का डेटा चुराया. इस डेटा का इस्तेमाल 2016 में अमेरिका राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव जिताने के लिए किया गया.
बीजेपी ने कांग्रेस पर क्या आरोप लगाए? कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अखबारों के जरिए कांग्रेस पर कैम्ब्रिज एनालिटिका के जरिए 2019 के चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगाया. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि क्या चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस ऐसे हथकंडे अपनाएगी? रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''ऐसी कंपनियों से कांग्रेस को क्यों प्रेम हो जाता है? कांग्रेस पार्टी से मेरा सवाल है कि क्या वो डेटा मैनिपुलेशन करके इलेक्शन जीतेंगे?''
कैम्ब्रिज एनेलिटिका से जुड़ा पूरा मामला समझिए ब्रिटेन के चैनल 4 ने कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी के बड़े अधिकारियों का स्टिंग ऑपरेशन किया. कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी दुनिया भर के राजनीतिक दलों के लिए चुनाव के वक्त सोशल मीडिया पर कैंपन चलाती है. स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ है कि अपने राजनीतिक दल को जीत दिलाने के लिए ये हर गलत हथकंडे का इस्तेमाल करती है.
स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ है कि आप फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया पर जो समय बिताते हैं, जो बाते लिखते हैं उनका इस्तेमाल कर कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी एक विशेष राजनीतिक पार्टी जो उनकी क्लाइंट होती है उसे फायदा पहुंचाती है.
कैसे काम करती हैं इस तरह की कंपनियां? इस तरह की कंपनियां सोशल मीडिया जैसे प्लेटफॉर्म से डेटा चुराती हैं. राजनीति के लिए आपकी पसंद और नापसंद के डेटा का विश्लेषण करती हैं. इस डेटा के आधार पर ही ये कंपनियां सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाती हैं.
इतना ही नहीं ये कंपनियां नेताओं के भाषण, मेनिफेस्टो के मुद्दे इसी आधार पर तैयार करती हैं. प्रतिद्वंदी पार्टियों के नेताओं के डर्टी सीक्रेट, सेक्स स्कैंडल वाले वीडियो जासूसों से बनवाए जाते हैं. इन्हें सोशल मीडिया पर परोस दिया जाता है.
इन सबूतों के आधार पर बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया डेटा चोरी के जरिए चुनाव में फायदा लेने का आरोप