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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)

कतर में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप 2022 की वजह से पूरी दुनिया में कैमल फ्लू फैलने का खतरा?

फीफा वर्ल्ड कप 2022 कतर में खेला जा रहा है इसी बीच एक रिपोर्ट में कतर से पूरी दुनिया में कैमल फ्लू फैलने का खतरा जताया गया है. लाखों की संख्या में कतर में लोग फुटबॉल टुर्नामेंट देखने पहुंच रहे हैं.

फुटबॉल प्रेमियों का पसंदीदा टूर्नामेंट फीफा वर्ल्ड कप 2022 की अपने चरम पर है. मध्य पूर्व के देश कतर में 20 नवंबर से टूर्नामेंट चल रहा है. इसी बीच एक रिपोर्ट में कतर में कैमल फ्लू या रेस्पिरेटरी सिंड्रोम एमईआरएस बीमारी के फैलने का खतरा जाहिर किया गया है. 

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) की तरफ से इसको लेकर चिंता जताई गई है. डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों के मुताबिक मिडिल ईस्ट में कैमल फ्लू या रेस्पिरेटरी सिंड्रोम एमईआरएस नामक घातक बीमारी फैल सकती है. इसके साथ ही आशंका जताई गई है ये फ्लू कतर से पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले सकता है. ऐसे में इस बात का डर बना हुआ है कि कतर में यदि कैमल फ्लू बढ़ता है तो क्या ये कोरोना जैसी महामारी का रूप ले लेगा?

न्यू माइक्रोब्स और न्यू इंफेक्शनस् जनरल की एक रिपोर्ट में किया दावा
दरअसल न्यू माइक्रोब्स और न्यू इंफेक्शनस् जनरल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोराना और मंकीपॉक्स जैसे संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं हैं. लेकिन कतर में फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन किया जा रहा है जिसमें 12 लाख तक लोग इसका हिस्सा बनेंगे. 

ऐसे में कतर में कैमल फ्लू का खतरा बड़ सकता है और एक देश से दूसरे देशों में ये संक्रमण फैल सकता है क्योंकि भारी संख्या में एक साथ लोगों के इकट्ठा होने से वायरस तेजी से फैलता है. 22 नवंबर को न्यू माइक्रोब्स एंड न्यू इंफेक्शन जर्नल में छपी इस रिपोर्ट में साफ आशंका जताई गई है कि कतर से कैमल फ्लू फैलने का खतरा है.

क्या है कैमल फ्लू ?
कैमल फ्लू एक तरह का वायरस है जो ऊंटों से मनुष्यों में फैसला है क्योंकि खाड़ी देशों में ऊंटों का काफी इस्तेमाल होता है. इसीलिए इन देशों से कैमल फ्लू फैलने का खतरा बेहद ज्यादा है.

साल 2012 में सऊदी अरब में आया था पहला मामला
एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2012 में कैमल फ्लू का पहना मामला सऊदी अरब में सामने आया था. जिसके बाद अरब के अलग-अलग देशों में इसके मामले बढ़ने लगे. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ सालों में 27 देशों में कैमल फ्लू के मामले सामने आए हैं और 858 लोगों की इसके कारण मौत हुई हैं.

इसके साथ ही रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि कतर में भी ये फ्लू फैल रहा है.आंकड़ों के मुताबिक कतर में 28 कैमल फ्लू के मामले सामने आ चुके हैं. इसमें से अधिकतर मामले ऊंटों के संपर्क में आने से हुए हैं जिसका मुख्य कारण ऊंट का दूध और उसका मांस खाना.

क्यों है कैमल फ्लू फैलने का खतरा ?
ऊंट रेगिस्तान में पाए जाने वाला एक जानवर है और खाड़ी देशों में ऊंट का पालन किया जाता है. ऊंट से कई तरह के काम लिए जाते हैं. ट्रांसपोर्टेशन से लेकर ऊंट का दूध, मूत्र और मांस का इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ ही ऊंट की खाल से कपड़े, जूते आदि भी बनाए जाते हैं.

दुनियाभर में ऊंटों की 2 मशहूर नस्लें हैं जिसमें बक्ट्रियन और ड्रोमेडरी ऊंट हैं. ड्रोमेडरी ऊंट जिसे अरेबियन ऊंट भी कहा जाता है. जो ऊंटों में सबसे ऊंची नस्ल है. इसकी एक कूबड़ होती है जबकि बैक्ट्रियल ऊंट की 2 कूबड़ होती है. अरेबियन ऊंट सबसे ज्यादा पश्चिमी एशिया के सूखे रेगिस्तान में पाए जाते हैं जबकि बैक्ट्रियल ऊंट मध्य और पूर्व एशिया में पाए जाते हैं.

क्या कैमल फ्लू से निपटने के लिए तैयार है कतर ?
इस रिपोर्ट में इस बात की भी चिंता जताई गई है कि यदि कतर में कैमल फ्लू बढ़ता है तो क्या कतर इस बिमारी से निपटने के लिए तैयार है?  इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में कैमल फ्लू के साथ-साथ अन्य वेक्टर जनित बीमारियों के फैलने का खतरा भी बताया गया है जिसमें मलेरिया, डेंगू, रेबीज, खसरा, हेपेटाइटिस ए और बी शामिल हैं. 

कतर पहुंच रहे लोगों के लिए एडवायजरी
इन सभी बीमारियों को लेकर डब्ल्यूएचओ ने कैमल फ्लू को लेकर चिंता जाहिर की है. इसके साथ ही एडवायजरी भी जारी की है जिसमें कहा गया है कि टूर्नामेंट देखने आ रहे लोग ऊंटों को ना छुएं और उनके करीब ना जाएं.

अगर ये लक्षण दिखें तो हो जाए सावधान
इस रिपोर्ट में कैमल फ्लू के लक्षण भी बताए गए हैं जिसमें सांस लेने में तकलीफ, बुखार, खांसी औऱ दस्त जैसी परेशानी हो सकती है. इसके साथ ही इसका अधिक खतरा बुजुर्गो, किडनी के मरीज, कैंसर के मरीज, डायबिटीज के मरीजों को इस बीमारी का अधिक खतरा हो सकता है इसके अलावा वो लोग भी जिनकी इम्युनिटी कम है.
 
अभी भी बना हुआ है कोरोना और मंकीपॉक्स का खतरा
कोरोना वायरल की बात करें तो पूरी दुनिया में रोजाना 3 लाख के करीब केस रिकॉर्ड हो रहे हैं. वहीं कुछ महीने पहले सामने आए मंकीपॉक्स के दुनिया भर में 20 हजार से ज्यादा मामले रिकॉर्ड किए जा चुके हैं. पश्चिम अफ्रीका से शुरू हुआ मंकीपॉक्स आज लगभग 80 से ज्यादा देशों में फेल चुका है और सबसे ज्यादा मंकीपॉक्स के मामले अमेरिका में मिल रहे हैं जहां 4 हजार से ज्यादा मामले आ चुके हैं. इसके बाद स्पेन, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस जैसे देश शामिल हैं. 

इसके साथ ही फीफा वर्ल्ड फप 2022 की मेजबानी कर रहे कतर में भी कोरोना और मंकीपॉक्स का खतरा देखने को मिल रहा है. रोजाना कोरोना के 200 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं.

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