Explained: भारत में क्या अविवाहित महिला फ्रीज करवा सकती है अपने एग्स? जानें क्या कहता है कानून
Eggs Freezing India: हाल में चीन में एक महिला अपने प्रजनन अधिकार के तहत एग फ्रीज कराने की कानूनी लड़ाई हार गई, इसलिए यह मुद्दा गरमाया हुआ है आइये जानते हैं कि भारत में एग फ्रीजिंग हो सकती है या नहीं?
Freezing Eggs in India: महिलाओं (Women) के लिए एग फ्रीजिंग (Egg Freezing) देरी से गर्भधारण करना (Conceive) यानी मां बनने की वैज्ञानिक प्रक्रिया (Scientific Process) है. इसमें महिलाओं के अंडे खास तकीनीक से फ्रीज कर दिए जाते हैं और फिर जब वे मां बनना चाहती हैं तो आईवीएफ तकनीक (IVF Technology) का इस्तेमाल करते हुए उन अंडों का इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल, समय के साथ-साथ कुदरत की भी एक घड़ी चलती है. इसे जैविक घड़ी या बॉयोलॉजिकल क्लॉक (Biological Clock) कह सकते हैं. इसके अनुसार, महिलाओं की प्रजनन क्षमता (Women Fertility) एक उम्र तक होती है.
महिलाओं की प्रजनन क्षमता 20 से 30 की उम्र तक सबसे अच्छी मानी जाती है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ धीरे-धीरे प्रजनन क्षमता घटने लगती है. इसलिए देरी जो महिलाएं देरी से मां बनने का विचार रखती हैं, वे इस तकनीक का उपयोग करती हैं. हालांकि, इस प्रक्रिया से पहले यह जान लेना उचित रहेगा कि आपके देश का कानून इस प्रजनन अधिकार को मंजूरी देता है या नहीं? हाल में यह मुद्दा इसलिए गरमा गया क्योंकि चीन में 34 साल की एक महिला टेरेसा जू एग फ्रीजिंग को लेकर अदालत में केस हार गई. टेरेसा ने आरोप लगाया था कि उनकी अविवाहित स्थिति के बारे में जानकर अस्पताल ने उनके अंडे फ्रीज करने से मना कर दिया था. इसके बाद उन्होंने अदालत का रुख किया.
जहां तक भारत की बात है, देश में एग फ्रीजिंग किसी कानून के दायरे में नहीं आता है यानी इसके लिए फिलहाल कानून नहीं है. पूर्व में कई जानी-मानी हस्तियों ने एग फ्रीजिंग करवाया भी है. टीवी इंडस्ट्री से जुड़ी एकता कपूर 36 की उम्र में एग फ्रीजिंग करवा चुकी हैं. वहीं अदाकारा काजोल की बहन तनीषा मुखर्जी ने 39 की उम्र में एग फ्रीज करवाए थे. एक और एक्ट्रेस मोना सिंह ने इस भी तकनीक का इस्तेमाल किया था. इसका मतलब है कि भारत में देरी से मां बनने के लिए अविवाहित मां अपने अंडे फ्रीज करवा सकती है.
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ऐसे होती है एग फ्रीजिंग
एग फ्रीजिंग के लिए सबसे पहले महिलाओं के अंडाशय से मैच्योर अंडे निकाले जाते हैं और फिर उन्हें प्रयोगशाला में जीरो तापमान पर फ्रीज किया जाता है. इससे अंडों की जैविक गति कुछ वक्त के लिए रुक जाती है और वह बाद में काम आती है. महिला जब मां बनना चाहती है तो फ्रीज किए गए अंडों को उचित तापमान में निशेचित कर उन्हें शुक्राणु के साथ मिलाकर आईवीएफ तकनीक द्वारा उसके गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है. मेडिकल जगत की तकनीकी भाषा में एग फ्रीजिंग को क्राइयोप्रिजर्वेशन कहते हैं.
एग फ्रीजिंग के लिए सबसे अच्छी उम्र क्या है?
शोध बताते हैं कि एग फ्रीजिंग के लिए उम्र बहुत मायने रखती है. कम उम्र की महिलाओं या कहिए युवतियों को कम अंडे देने पड़ते हैं जबकि उम्रदराज महिलाओं को इस विशेष तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए ज्यादा अंडे निकलवाने पड़ते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, 34 वर्ष की उम्र में महिलाओं के कम से कम 10 अंडे फ्रीज किए जाते हैं, 37 की उम्र में यह संख्या दोगुनी यानी 20 अंडे की हो जाती है. 42 वर्ष की आयु में महिला को 61 अंडे फ्रीज करवाने पड़ते हैं. इसलिए जो महिलाएं 30 वर्ष की उम्र के बाद मां बनना चाहती हैं और इस तकनीक का उपयोग करना चाहती हैं तो उन्हें 20-27 की उम्र में अंडे फ्रीज करवा लेने चाहिए. हालांकि, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि एग फ्रीज कराने की सबसे अच्छी उम्र 20 की होती है. इस उम्र में एग की गुणवत्ता अच्छी होती है और उनके डैमेज होने का जोखिम कम रहता है.
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