नई दिल्ली: क्या एक बार कोरोना से संक्रमित मरीज दोबारा कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकता है? हाल ही में ऐसा एक केस हॉन्गकॉन्ग में सामने आया है. वहीं भारत में तेलंगाना में ऐसे 2 मामले अभी सामने आए हैं.


डॉक्टरों की मानें तो इस वायरस के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं है. ऐसे में दोबारा होने की बात को खारिज नहीं किया जा सकता है. डॉक्टरों के मुताबिक, कोरोना का वायरस भी एक तरह का फ्लू होता है. जैसे फ्लू ठीक होने के बाद दोबारा हो सकता है, कुछ ऐसा इस वायरस के साथ भी हो सकता है. क्योंकि अभी ठीक से ये नहीं पता है कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने पर शरीर में एंटीबॉडी बनती है तो उससे कितना बचाव होता है और कितने दिनों तक शरीर में रहता है?


एम्स के पूर्व निदेशक डॉ एमसी मिश्रा के मुताबिक, “कोरोना संक्रमण दोबारा हो सकता है यह संभव है. अभी हॉन्गकॉन्ग से ऐसे ही एक मरीज की खबर आई है इसलिए दोबारा चर्चा में आया है. मगर पहले भी देखा गया है मार्च के महीने में कई अलग-अलग जगहों पर ऐसी खबरें आई हैं. कई मरीजों में कोरोना से ठीक होने के बाद दोबारा लक्षण देखे गए लेकिन वायरस का जब स्ट्रक्चर देखा गया और उसकी जिनोमिक्स देखे गए तो वह डेड पाया गया.”


सर गंगाराम अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन के डॉ एस पी ब्योत्रा कहते हैं, “यह बीमारी 6 महीने पुरानी है इसके लिए आने वाले समय में दोबारा हो सकता है या नहीं औऱ यह वायरस कैसे व्यवहार करेगा यह अभी कहना मुश्किल है. पूरी दुनिया में ऐसे कई केस सामने आई हैं. हमारे भारत में भी कुछ ऐसे केस सामने आए हैं. अब यह क्यों हो रहा है अभी ठीक तौर पर नहीं पता है. लेकिन हो सकता है कि जो शरीर में एंटीबॉडी बनती हैं उसकी लाइफ कितनी है यह पता नहीं है. एंटीबॉडी कम है, यह खत्म हो जाए इंफेक्शन दोबारा हो सकता है. जैसे बहुत सारे वायरस ऐसे होते हैं जो जिंदगी में एक बार होते हैं लेकिन उसके लिए जिंदगी भर इम्यूनिटी हो जाती है. या ये हो सकता है वायरस म्यूटेशन कर ले और री-इंफेक्शन कर दे. हम एचआईवी की वैक्सीन इसलिए नहीं बना पाते क्योंकि वायरस अपना म्यूटेशन चेंज कर लेता है.”


डॉक्टरों के मुताबिक, हॉन्गकॉन्ग हाल ही में सामने आए मामले में कई चीजें हैं जिस पर ध्यान देने की जरूरत है. जिस व्यक्ति को दोबारा संक्रमण हुआ है, वह हाल ही में विदेश यात्रा से लौटा है और उसमें पाया गया कि स्ट्रीम थोड़ा अलग बताया जा रहा है. वहीं एंटीबॉडी को लेकर भी अभी कई चीजें साफ होना बाकी हैं.


डॉ एम सी मिश्रा के मुताबिक, “हॉन्गकॉन्ग में जो अभी व्यक्ति बाहर से लौटा उसे पहले कोरोना संक्रमण हुआ था और ठीक होने के बाद वह स्पेन, फ्रांस और यूके गए थे. वहां से वह लौटे. हॉन्गकॉन्ग एयरपोर्ट पर रूटीन स्क्रीनिंग में उनकी चेकिंग हुई तब उनमें यह वायरस मिला. पहले जिस वायरस से वह इनफेक्ट हुए थे यह उससे अलग था. इसके 24 कैरेक्टर स्टिक्स फर्क थी. यह पहला है और इसी बात के लिए इसकी चर्चा हो रही है.”


एम्स के पूर्व निदेशक डॉक्टर एमसी मिश्रा और सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर एस पी ब्योत्रा के मुताबिक अभी इस बारे में और चीजें जानने और समझने की जरूरत है. ऐसे पहले भी सामने कई केस सुनने में आए थे. इस बारे में भी जानकारी ठीक से नहीं है कि इस संक्रमण से बनी एंटीबॉडी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता  कितनी बनती है और वो कितने दिनों तक रहती है?


डॉ एस पी ब्योत्रा के मुताबिक, “जैसे-जैसे समय गुजरता जाएगा पता चलता जाएगा, री-इंफेक्शन हो रहा है या नहीं यह देखना पड़ेगा कि क्या इम्यूनिटी परमानेंट बनती है और अगर इम्यूनिटी नहीं होती तो री-इंफेक्शन हो सकता है. यह वायरस कैसे व्यवहार करता है इसकी अभी ज्यादा जानकारी नहीं है कुछ और पता लगाने में कुछ और वक्त लगेगा.” कुल मिलाकर फिलहाल डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना के बारे में हर दिन नई जानकारी सामने आ रही हैं. ऐसे में इस वायरस से बचाव ही सबसे बड़ी सुरक्षा है.


COVID 19: विकसित देशों में घरों में वेंटिलेशन न होना कोरोना केस और मौत की एक बड़ी वजह- रिसर्च