In Depth: क्या भारत में कोरोना की सेकेंड वेव आ सकती है?
फिलहाल भारत में कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या बढ़ रही है. एक्टिव केस की संख्या में कमी आ रही है और मृत्यु दर में भी कमी आ रही है.
नई दिल्ली: क्या भारत में कोरोना की सेकेंड वेव आ सकती है? ये सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि भारत में कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या बढ़ रही है लेकिन इस बीच लगातार कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में त्यौहारों और ठंड के चलते केस बढ़ सकते हैं. सावधानी अगर इस दौरान नहीं बरती गई तो केस बहुत तेज़ी बढ़ेंगे और संक्रमण तेज़ी से फैलेगा जो हर दिन इस वक़्त कम हो रहा है. हालांकि, जानकारों की मानें तो भारत में अभी फर्स्ट वेव पूरी तरह खत्म नहीं हुई है और हमने बेस लाइन टच नहीं की है इसलिए संभावना कम है.
पीएम मोदी ने ढिलाई न बरतने की अपील की
मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने जब देश को संबोधित किया तो कोरोना को लेकर साफ तौर पर कहा कि जब तक दवाई नहीं, कोई ढिलाई नहीं. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में कोरोना संक्रमण से संक्रमित मरीज रोज़ ठीक हो रहे हैं और नए मामलों में भी कमी आई है. उन्होंने अपने संबोधन में साफ कहा कि भारत की स्तिथि दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले काफी बेहतर है लेकिन इसका बिल्कुल ये मतलब नहीं कि कोरोना ख़त्म हो गया है.
हाल में कई ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं कि जब लोग बिना सोशल डिस्टेंस, मास्क और सावधानी के घूम रहे हैं. अब सब कुछ लगभग खुल गया है. वहीं आने वाले दिनों में त्यौहार और ठंड दोनों साथ में हैं.
पीएम ने अपने संबोधन में अपनी चिंता साफ जाहिर की जिस तरह से भारत में संक्रमण को रोखा गया है और मृत्यु दर कम हुई है वो कहीं बढ़ ना जाए. उन्होंने लोगों से साफ कहा कि अगर अगर सावधानी हटी तो हालत खराब हो सकते हैं. भारत में केस बढ़ सकते हैं और भारत की स्थिति भी यूरोप और अमेरिका जैसे देशों जैसी हो सकती है.
प्रधानमंत्री ने कहा ठंड और त्योहारों के समय में लोगों ने सावधानी नहीं बरती तो भारत में जिस तरह से कोरोना संक्रमित मरीजों की ठीक होने की संख्या लगातार बढ़ रही है उस पर ब्रेक लग सकता है. वहीं हालात काबू से बाहर हो जाएंगे और भारत की स्थिति भी अमेरिका और यूरोप जैसे देशों की तरह हो जाएगी, जहां दोबारा से केस बढ़ने शुरू हो जाएंगे.
क्या कहते हैं डॉक्टर्स
डॉक्टरों के मुताबिक, भारत में अभी लगातार हालत में सुधार है. लेकिन अभी भारत में फर्स्ट वेव ख़त्म नहीं हुई है. अभी भी औसत 50 हजार के आस पास केस आ रहे है. हालंकि इसमें कमी आई है लेकिन अभी खत्म नहीं हुआ है. सेकेंड वेव तब कही जाएगी जब भारत में कोरोना के मामले बेस लाइन को छू लें और दोबारा से केस बढ़ने शुरू हो जाएं. लेकिन अगर कुछ में मामले कम हुए और दोबारा केस बढ़ने लगे तो कहा जा सकता है कि सेकेंड वेव आ सकती है.
कम्युनिटी मेडिसिन, एम्स दिल्ली के डॉ संजय राय कहते हैं, “सेकंड वेव जो है जहां इंफेक्शन बहुत ही कम है हमने सब प्रेस किया है वहां सेकेंड वेब हमेशा आ सकती है. जैसे पूरे यूरोप में सेकंड वेव है. सारे पार्ट अमेरिका में भी सेकेंड वेव में ही है. हालांकि वहां पहली वेव खत्म नहीं हुई है पर अभी उनकी सेकेंड वेव है. दूसरा जो है हमारे देश में कुछ पॉकेट जहां पर इंफेक्शन रेट अच्छा खासा है, जैसे मुंबई और दिल्ली के कुछ पॉकेट है, जहां सेकेंड वेव नहीं होगी. लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि कुछ भी प्रिवेंटिव मेजर नहीं लेंगे. ऐसा नहीं करने पर बड़ी आबादी इनफेक्ट होगी और ऐसा होने पर नंबर ऑफ़ केसे अचानक बढ़ जाएंगे. उसको हम सेकेंड वेव भी कह सकते हैं.”
वहीं एम्स के पूर्व निदेशक रहे डॉ एम सी मिश्रा के मुताबिक, “सेकंड ग्रेड की बात हम तब कर सकते हैं जब संक्रमण की रफ्तार और धीमी हो जाए, जिसे हम फ्लॉटिंग ऑफ कर्व यानी बेसलाइन से मिल जाएं. लेकिन अभी भी आप देखें तो रोजाना 50 हजार के करीब कैसे आ रहे हैं? टेस्ट होते ही हो रहे हैं लेकिन संक्रमण की संख्या कम हुई है. ये अच्छी बात है और इसके बाद ही सेकेंड वेव की बात आएगी. जिस तरह से अब त्यौहारों में भीड़ देखने को मिल रही है, चुनाव की रैली में भीड़ देखने को मिल रही है इससे संक्रमण के मामले बढ़ने की संभावना है.”
वैज्ञानिक कमेटी की रिपोर्ट
हाल में सरकार द्वारा नियुक्त एक वैज्ञानिक कमेटी ने अपनी मैथेमेटिकल एनालिसिस जारी कर कहा कि भारत में कोविड-19 महामारी अपने चरम यानी पीक को पार कर गई है, लेकिन सुरक्षात्मक उपायों को जारी रखना चाहिए. वहीं अगर मौजूदा सावधानी और उपाय बरते गए तो फरवरी 2021 में महामारी समाप्त होने की संभावना है. तब तक संक्रमण की कुल संख्या लगभग 10.5 मिलियन होगी. वहीं इस कमेटी के मुताबिक, त्यौहार और सर्दियों के मौसम में संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है इसलिए सावधानियां जारी रखनी चाहिए.
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल कहते हैं, “अगर इस पानी को आगे बढ़ने से रोकना है तो इसमें सबसे मुख्य भूमिका भारतवर्ष के लोगों को निभा नहीं होगी. सावधानी बरतते हुए आगे काम करते रहें. ऐसा करने से फरवरी तक इंफेक्शन की संख्या काफी कम हो जाएगी. लेकिन अगर हमने ऐसा नहीं किया तो 1 महीने के अंदर ही एक्टिव केसे की संख्या बढ़ जाएगी और मैथेमेटिकल मॉडल के मुताबिक, अगले 1 महीने में ही 25 लाख से ज्यादा के सामने आएंगे जो कि सितंबर के महीने में 10 लाख के आसपास थे. वहीं मृत्यु दर भी बढ़ जाएगी.” वहीं इनकी रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन अब अवांछनीय है. केवल संकीर्ण भौगोलिक क्षेत्रों पर होना चाहिए. वहीं गतिविधियों को फिर से शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ें.
कुल मिलाकर फिलहाल देश में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं. संक्रमण से ठीक होने वालों की संख्या बढ़ रही है. एक्टिव केसे की संख्या लगातार घट रही है. वहीं मृत्यु दर भी लगातार कम हो रहा है. लेकिन जिस तरह की तस्वीरें सामने आ रही हैं, लोग बिना सावधानी के मास्क के बिना बाजारों में घूम रहे हैं और मिलजुल रहे हैं इससे संक्रमण फैलने का खतरा है.
दिल्ली की एयर क्वालिटी ‘खराब’ श्रेणी में बरकरार, कल और बिगड़ने की संभावना