नई दिल्ली: रेल मंत्रालाय इस बात की संभावना का पता लगा रहा है कि क्या राजधानी एक्सप्रेस गाड़ियां क्या 24 घंटे में एक फेरा पूरा कर सकती हैं जिसमें वापसी यात्रा से पहले आधे घंटे का समय रैक के निरीक्षण के लिए रखा जा सकता है. इसका उद्येश्य है कि इन गाड़ियों के प्रीमियम श्रेणी के रैक का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जा सके.


मंत्रालय रेल को देश की परिवहन और मालवहन की महत्वपूर्ण इकाई बनाने के लिए एक दिन का सम्मेलन आयोजित किया गया था. 'संपर्क, समन्वय एवं संवाद' सम्मेलन में यह जानने की कोशिश की जाएगी कि क्या देश की सबसे प्रीमियम रेलगाड़ियों में से एक राजधानी एक्सप्रेस रोजाना अपनी यात्रा शुरु कर गंतव्य से 24 घंटे में वापस आ सकती है या नहीं. इसका मकसद राजधानी एक्सप्रेस गाड़ियों के रैक का अधिकतम उपयोग करना है.


रेलमंत्री पीयूष गोयल के अलावा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें शामिल हो रहे हैं।


इस सम्मेलन का एक और मकसद रेलवे के लिए 2022 तक रुपरेखा तैयार करना है. इसमें रेलवे के ढांचा और संस्कृति में सुधार के साथ मालवहन में 2022 तक उसकी हिस्सेदारी बढ़ाकर 40% करने पर भी विचार विमर्श किया जाएगा.