नई दिल्लीः संसद का मानसून सत्र साधारणतया जुलाई के तीसरे हफ्ते में शुरू होता है लेकिन इस साल कोरोना महामारी ने इस सत्र को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं. सबसे बड़ा सवाल संसद में सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने का है.


आज इस मुद्दे को लेकर राज्य सभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू और लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला के बीच बैठक हुई. बैठक में लोकसभा और राज्यसभा के महासचिव द्वारा सत्र बुलाए जाने से जुड़े अलग-अलग विकल्पों पर जो सुझाव दिए गए थे उस पर विचार किया गया .


सूत्रों के मुताबिक बैठक में संसद के सेंट्रल हॉल , लोकसभा का हाउस , राज्यसभा का हाउस और विज्ञान भवन के प्लेनरी हॉल में संसद का सत्र करवाए जाने के विकल्प पर विचार हुआ .


दोनों सदनों के महासचिवों की ओर से जो आकलन किया गया है उसके मुताबिक अगर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए तो राज्यसभा के वर्तमान चेंबर में 60 सदस्य बैठ सकते हैं जबकि लोकसभा चेंबर और सेंट्रल हॉल में 100 - 100 सदस्य बैठ सकते हैं .


आकलन में यह बताया गया है कि अगर सभी सांसद एक ही समय संसद आते हैं तो अगर पब्लिक गैलरी में भी सांसदों को बिठाया जाए तब पर भी सभी सांसदों को एक साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बिठाना मुश्किल होगा.


एक अन्य विकल्प जिस पर विचार किया गया वह यह था कि  केवल उन्हीं सांसदों को हाउस में बैठने की इजाजत दी जाए जिनका उस दिन संसद की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए नाम आया हो .


इसके साथ ही वर्चुअल या डिजिटल संसद सत्र बुलाए जाने के विकल्प पर भी विचार किया गया. अभी कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है .


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