Khalistan Protest: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने 8 जुलाई को एक बड़े प्रदर्शन का ऐलान किया है. ये प्रदर्शन खालिस्तान टाइगर फोर्स के आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद हो रहा है. खालिस्तान समर्थकों का आरोप है कि भारतीय राजनयिकों के इशारे पर निज्जर की हत्या हुई थी. इस प्रदर्शन से पहले कनाडा में पुलिस ने भारतीय राजनयिकों को सुरक्षा दी है. साथ ही कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां सिख कट्टरपंथ को लेकर लगातार चिंता में हैं. हालांकि इस सबके बीच कनाडा के राजनेता इस मामले पर खुलकर बात नहीं कर रहे हैं, जिसे वोट बैंक की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. 


दूतावास को घेरने की तैयारी
हरदीप सिंह निज्जर की गुरुद्वारे के बाहर हमलावरों ने गोली मारकर हत्या की थी, इस हत्याकांड के बाद से ही भारतीय राजनयिकों के खिलाफ कनाडा, अमेरिका और लंदन में प्रदर्शन होने लगे. अब 8 जुलाई को इन देशों में खालिस्तान समर्थकों ने प्रदर्शन बुलाया है, जिसमें भारतीय दूतावास को घेरने की तैयारी है. इसके लिए पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं और सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल हो रहा है. 


खालिस्तान पर कनाडा की राजनीति में चुप्पी
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक खालिस्तानी समर्थकों के इस पूरे बवाल को लेकर कनाडा की राजनीति में सन्नाटा है. कुछ मंत्रियों के छोटे-मोटे बयानों को छोड़कर बाकी किसी ने भी खालिस्तान को लेकर कोई बड़ा बयान नहीं दिया. यहां तक कि प्रधानमंत्री की तरफ से भी कोई खुलेआम निंदा नहीं की गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कनाडा में कुल 2.4 मिलियन प्रवासी भारतीय रहते हैं. जिनमें से करीब 7 लाख सिख समुदाय से आते हैं. जो हर पार्टी के लिए एक मजबूत वोट बैंक है. कनाडा में खालिस्तान समर्थकों का खौफ काफी ज्यादा है, इसीलिए सिख समुदाय के बाकी लोग भी उन्हें लेकर कुछ नहीं बोलते हैं. वहीं भारतीय प्रवासी भी इस मामले पर चुप रहना ही ठीक समझते हैं. 


भारतीय राजनयिकों को किया जा रहा टारगेट
खालिस्तान समर्थकों की तरफ से प्रदर्शन को लेकर जो पोस्टर जारी किए जा रहे हैं, उनमें कई भारतीय राजनयिकों की तस्वीरें लगाई गई हैं. उनका दावा है कि निज्जर की हत्या के लिए यही लोग जिम्मेदार हैं. इन राजनयिकों को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है, वहीं भारत ने भी आपत्ति जताई है. 


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