Foreign Ministry Spokesperson: खालिस्तानी ही नहीं, लॉरेंस के गुर्गों को भी पाल रहा कनाडा? अब भारत ने ट्रूडो की खामोशी पर लगाई लताड़
India-Canada Tension: भारत ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह और अन्य गिरोहों के सदस्यों के बारे में सुरक्षा संबंधी जानकारी कनाडा सरकार के साथ साझा की है और उनकी गिरफ्तारी की मांग की है.
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Foreign Ministry Spokesperson Randhir Jaiswal: सलमान की जान पर अब भी खतरा मंडरा रहा है. बॉलीवुड एक्टर के खिलाफ अब एक और धमकी भरा मैसेज आया है, जिसने पुलिस की नींद उड़ा दी है. बाबा सिद्धीकी की हत्या के बाद से देश में लॉरेंस बिश्नोई पर शिकंजा कसता जा रहा है. सुरक्षा एजेंसियों के ताबड़तोड़ एक्शन के बाद दो शूटर्स की गिरफ्तारी भी हुई है. इस बीच भारत ने गुरुवार (17 अक्टूबर) को कहा कि उसने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह और अन्य गिरोहों के सदस्यों के बारे में सुरक्षा संबंधी जानकारी कनाडा सरकार के साथ साझा की है और उनकी गिरफ्तारी की मांग की है, लेकिन अभी तक ओटावा की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि 'उन्होंने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है, जो हमारी अहम चिंता है और इसके पीछे एक राजनीतिक मकसद है, जिसे आप जानते हैं...हमारी सुरक्षा चिंता पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.' जायसवाल ने ये बात अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक सवाल के उत्तर में कही. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने इस बात को एक जांच आयोग के सामने गवाही देने के एक दिन बाद कही थी. अगले सवाल के जवाब में जायसवाल ने कहा, जहां तक मेरी जानकारी है, पिछले एक दशक या उससे ज्यादा समय से कनाडा के पास भारत से 26 प्रत्यर्पण अनुरोध लंबित हैं.
लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सलमान खान से की 5 करोड़ रुपए की डिमांड
लॉरेंस बिश्नोई गैंग की ओर मुंबई ट्रैफिक पुलिस को सलमान खान के लिए एक और धमकी मिली है. पुलिस ने बताया कि मुंबई ट्रैफिक पुलिस के व्हाट्सएप नंबर पर एक मैसेज भेजा गया जिसमें अभिनेता से 5 करोड़ रुपए की डिंमांड की गई है. साथ ही ये भी लिखा कि इस मैसेज को हल्के में लेने की गलती न करें. मैसेज में कहा गया कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उनका हाल बाबा सिद्दीकी से भी बुरा होगा. मुंबई पुलिस मामले की जांच में जुटी है. सलमान के बंगले पर फायरिंग करने वाले एक आरोपी को मुंबई पुलिस ने पानीपत से गिरफ्तार किया है.
फिर से कनाडा संग क्यों हो रहा विवाद?
गुरुवार (17 अक्टूबर) को भारत ने कहा कि कनाडा के साथ मौजूदा कूटनीतिक विवाद ट्रूडो सरकार के 'निराधार' आरोपों के कारण उत्पन्न हुआ है और नई दिल्ली के खिलाफ ओटावा के गंभीर आरोपों के समर्थन में 'कोई सबूत' साझा नहीं किया गया है. उन्होंने कहा, हम कहेंगे कि जहां तक आरोपों का सवाल है, पीएम ट्रूडो की ओर से कल की गई स्वीकारोक्ति से आरोपों पर हमारे रुख के महत्व का पता चलता है.
कनाडा भारत के इन सवालों का नहीं दे रहा जवाब?
भारत की ओर से प्रत्यर्पण अनुरोधों के बारे में पूछे गए एक सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि 26 प्रत्यर्पण अनुरोधों के अलावा, कई अपराधियों के अनंतिम गिरफ्तारी अनुरोध भी कनाडा के पास अभी तक लंबित हैं. जायसवाल ने कहा, आतंकवाद और उससे संबंधित अपराधों के आरोप में जिन लोगों पर आरोप लगाए गए हैं, मैं उनका नाम लेना चाहूंगा. वे हैं, गुरजीत सिंह, गुरजिंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, लखबीर सिंह लांडा और अर्शदीप सिंह गिल. जैसा कि मैंने आपको बताया, वे आतंकवाद के आरोपों में वांछित हैं और कुछ संबंधित आरोप भी हैं.
भारत पर लगाए आरोपों पर ट्रूडो ने क्या कहा?
हम स्वाभाविक रूप से अपने राजनयिकों के खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों को खारिज करेंगे. संघीय चुनाव प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक संस्थाओं में विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच के समक्ष गवाही देते हुए ट्रूडो ने बुधवार (16 अक्टूबर 2024) को स्वीकार किया कि जब उन्होंने पिछले वर्ष खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंटों की संलिप्तता का आरोप लगाया था, तब उनके पास केवल खुफिया जानकारी थी और इसका कोई ठोस सबूत नहीं था.
कनाडा ने अब तक कोई सबूत पेश नहीं किए
विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने जो सुना है, वह नई दिल्ली के इस दृढ़ रुख की पुष्टि करता है कि कनाडा ने भारत और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ ओटावा की ओर से लगाए गए गंभीर आरोपों के समर्थन में हमें कोई सबूत पेश नहीं किया है. जायसवाल ने कहा, अभी तक कनाडा ने भारत और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया है. सार्वजनिक जांच के समक्ष गवाही देते हुए ट्रूडो ने दावा किया कि भारतीय राजनयिक उन कनाडाई लोगों के बारे में जानकारी इकट्ठी कर रहे थे जो नरेंद्र मोदी सरकार से असहमत हैं और इसे भारत सरकार के उच्चतम स्तर तथा लॉरेंस बिश्नोई गिरोह जैसे आपराधिक संगठनों तक पहुंचा रहे थे.
विदेश मंत्रालय ने मामले पर जताई चिंता
भारत ने पारस्परिक कानूनी सहायता संधि के तहत अनंतिम गिरफ्तारी की जानकारी मांगी है. उन्होंने कहा कि पांचों अपराधी (जिनका नाम ब्रीफिंग के दौरान लिया गया) भगोड़े हैं, जिनके प्रत्यर्पण की 'हमने मांग की है'. यह पूछे जाने पर कि क्या निज्जर का नाम प्रत्यर्पण सूची में था, इस पर जायसवाल ने कहा ऐसा नहीं था. निज्जर की पिछले साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली ने 'लॉरेंस बिश्नोई गिरोह सहित गिरोह के सदस्यों के बारे में सुरक्षा संबंधी जानकारी कनाडा सरकार के साथ साझा की है और उनसे उन्हें गिरफ्तार करने या कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हालांकि भारत ने ये जानकारी दे दी है, लेकिन अभी तक कनाडा की ओर से हमारे अनुरोध पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, यह बहुत गंभीर बात है.
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