Canada Envoy Cameron Mackay: भारत के साथ राजनयिक विवाद के बीच भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके ने गुरुवार (11 जनवरी) को दोनों देशों को एक साथ मिलकर काम करने और व्यवसाय समेत संबंधों को मित्रवत बनाने की सलाह दी.


गुजरात के गांधीनगर में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में 'भारत-कनाडा व्यापार: आगे का रास्ता' विषय पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा मैके ने कहा कि भारत और कनाडा के रणनीतिक हित एक-दूसरे का समर्थन करते हैं और राजनयिक संबंधों में तनाव के बावजूद दोनों देशों के व्यापारिक संबंध प्रभावित नहीं हुए हैं.


सेमिनार में मैके ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों के महत्व पर जोर दिया. मैके ने दोनों सरकारों और बिजनेस कम्युनिटी से व्यापार और निवेश पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया. मैके के अनुसार भारत और कनाडा के बीच संबंध रोजगार पैदा करने, टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप और पारस्परिक समृद्धि का समर्थन करेंगे.


क्या बोले कनाडाई उच्चायुक्त?


कनाडा के उच्चायुक्त मैके ने कहा, ''पिछले महीनों में हमारे दोनों देशों के बीच कुछ तनाव का समय रहा है. यह कोई रहस्य नहीं है लेकिन मैं यहां और बाहर मौजूद व्यापारिक समुदाय के नेतृत्व और दृष्टिकोण से व्यापार और निवेश संबंधों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित हूं जो हमारे दोनों देशों के हित में है.''


कैमरन मैके ने दी ये सलाह


मैके ने कहा, ''मेरी सरकार और भारत सरकार और दोनों पक्षों के व्यापारिक समुदाय को मेरी सलाह है कि सरकारों को वह करने दें जो वे कर रही हैं. सरकार को कूटनीति करने दीजिए लेकिन हर कोई जानता है कि लंबी अवधि में कनाडा के रणनीतिक हित और भारत के रणनीतिक हित बिल्कुल अलाइंड (एक दूसरे का समर्थन करना) हैं.''


उन्होंने कहा, ''आइए बिजनेस-टू-बिजनेस संबंध बनाएं. हमें अपने व्यापार और राष्ट्रों को फिर से मित्रवत बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए.'' मैके ने कहा कि राजनयिक विवाद से भारत और कनाडा के बीच व्यापारिक संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ा है. 100 से ज्यादा भारतीय कंपनियों ने कनाडा में निवेश किया है, जबकि 600 से ज्यादा कनाडाई कंपनियां भारत में मौजूद हैं.


जस्टिन ट्रूडो के 'बेतुके' आरोप के चलते आई थी संबंधों में खटास


भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में उस वक्त खटास आ गई थी जब कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले साल खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संदिग्ध संलिप्तता का आरोप लगाया था. हालांकि, भारत ने ट्रूडो के आरोप का खंडन करते हुए इसे 'बेतुका' करार दिया था. निज्जर की पिछले साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 


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