Justin Trudeau in India: जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने आए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अभी भी भारत में ही मौजूद हैं. उन्हें रविवार को ही भारत से रवाना होना था, मगर विमान में आई टेक्निकल गड़बड़ी की वजह से उन्हें दिल्ली में ही रुकना पड़ा है. प्रधानमंत्री ट्रूडो को भारत से ले जाने के लिए कनाडा से विमान मंगाया गया है. विमान के भारत पहुंचते ही ट्रूडो अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ मंगलवार दोपहर कनाडा के लिए रवाना हो जाएंगे. 


पीएम ट्रूडो को भारत से ले जाने के लिए कनाडाई आर्म्ड फोर्स ने एक विमान भेजा है. कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि कनाडाई प्रतिनिधिमंडल मंगलवार दोपहर दिल्ली से रवाना हो सकता है. प्रेस सेक्रेटरी मोहम्मद हुसैन ने कहा कि जाने के समय में बदलाव की भी गुंजाइश है. ओंटारियो से रविवार दोपहर एक सीसी-150 पोलारिस विमान सीएफबी ट्रेंटन बेस से रवाना हुआ. इसके साथ सीसी-144 चैलेंजर विमान भी है. दोनों विमान फिलहाल लंदन में हैं. 


विमान ठीक करने कनाडा से आ रहा टेक्निशियन


सरकारी सूत्रों ने बताया कि ट्रूडो के जिस विमान में गड़बड़ी हुई थी, उसे ठीक करने के लिए कनाडा से एक टेक्निशियन भी भारत आ रहा है. अगर टेक्निशियन विमान में हुई गड़बड़ी को ठीक नहीं कर पाता है, तो लंदन से आए विमान में बैठकर ही कनाडाई प्रतिनिधिमंडल कनाडा रवाना हो जाएगा. डिपार्टमेंट ऑफ नेशनल डिफेंस के मीडिया मामलों के प्रमुख डैनियल ले बौथिलियर का कहना है कि विमान में एक कॉम्पोनेंट खराब हो गया है, जिसे बदलने की जरूरत है. 


पुराने विमान से कनाडा जाएंगे ट्रूडो


सीसी-150 पोलारिस विमान का इस्तेमाल 1990 के दशक से ही किया जा रहा है. इस विमान का इस्तेमाल प्रधानमंत्री, गवर्नर जनरल और अन्य हाई-रैंक वाले अधिकारियों के सफर के लिए किया जाता है. इस विमान में वाई-फाई की सुविधा भी नहीं है. पूरे फ्लोर पर पावर कोर्ड्स लगाए गए हैं, जिनके जरिए लोग अपना मोबाइल या लैपटॉप चार्ज कर सकते हैं. दरअसल, जिस वक्त इस विमान को बनाया गया था, उस वक्त वर्तमान समय की कई सारी टेक्नोलॉजी मौजूद नहीं थी. 


विमान के अगले हिस्से में एक छोटा सा केबिन है, जिसे प्रधानमंत्री या गवर्नर जनरल के लिए बनाया गया है. बाकी के विमान में ठीक वैसे ही सीटें लगी हुई हैं, जैसे किसी आम विमान में देखने को मिलती हैं. इस विमान में ईंधन की खपत भी बहुत ज्यादा होती है. ऊपर से इसकी रेंज भी बहुत कम है. इस वजह से अधिकांश विदेश यात्राओं के दौरान विमान को ईंधन भरने के लिए बार-बार रुकना पड़ता है. ट्रूडो फिलहाल अपने परिवार और प्रतिनिधिमंडल के साथ होटल में ही रुके हुए हैं. 


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