छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले की पुलिस ने चेक का ‘क्लोन’ (प्रतिरूप) बनाकर 3.60 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने के मामले में बैंक के शाखा प्रबंधक समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. रायपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां बताया कि बैंक चेक का क्लोन बनाकर 3.60 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने के मामले में पुलिस ने केनरा बैंक के शाखा प्रबंधक रायपुर निवासी आलोक कुमार वर्मा (30) और आरोपी सुहास काले (32) को गिरफ्तार कर लिया है.


पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले के मास्टर माइंड शमीम और रमेश ठाकरे तथा एजाज फरार हैं. उन्होंने बताया कि केनरा बैंक के सहायक महाप्रबंधक भानु मूर्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी कि शहर के टाटीबंध स्थित केनरा बैंक में सुहास हरिश्चंद्र काले ने संचालक मेसर्स विष्णु लक्ष्मी डेवलपर्स व बिल्डर्स के नाम से इस वर्ष आठ मार्च को चालू खाता खुलवाया था.


उनके मुताबिक, खाता खोलने के बाद काले ने 24 मार्च से एक मई के मध्य बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड पटना और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के खाता से 3,60,41,000 रुपए निकाल लिये. उन्होंने बताया कि यह रकम विष्णु लक्ष्मी डेवलपर्स व बिल्डर्स के नाम से जारी फर्जी चेक के माध्यम से निकाली गयी है.


पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मूर्ति की शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और आरोपी सुहास काले को नागपुर से गिरफ्तार कर लिया गया. काले ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि इस मामले का मास्टर माइंड शमीम और रमेश ठाकरे हैं. नागपुर निवासी यह आरोपी जरूरतमंद व्यक्तियों को ढूंढकर षड़यंत्र रचते हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली है कि शमीम और रमेश चेक का क्लोन तैयार करते हैं और उसे लोगों को दे दिया जाता है. इस फर्जी चेक के माध्यम से धोखाधड़ी की जाती है. इस काम में बैंक की कार्यप्रणाली का जानकार एजाज मदद करता है.


पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में शमीम और रमेश ने एजाज और काले की मदद से सात अलग-अलग चेक के माध्यम से 3,60,41000 रुपए निकाले है. उन्होंने बताया कि घटना के लिए सभी का हिस्सा तय किया गया था. इस अपराध के लिए बैंक के शाखा प्रबंधक को 10 लाख रुपये दिए गए. आरोपी इसके अलावा 95 लाख और 35 लाख रुपए के दो चेक केनरा बैंक में भुनाने की तैयारी कर चुके थे. लेकिन इसी बीच इस मामले का खुलासा हो गया.


पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शमीम और रमेश ठाकरे ने देश के अलग अलग राज्यों के बैंकों से क्लोन्ड चेक के माध्यम से सरकारी कंपनियों के खातों में से कई करोड़ रुपए निकाले हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है.


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