2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने चुनाव प्रचार में सबसे ज्यादा पैसा खर्च किया. उनके बाद पैसा खर्च करने के मामले में भाजपा तिरथ सिंह रावत दूसरे नंबर पर रहे. हाल ही में चुनाव आयोग Election Commission (EC) द्वारा तैयार किए गए डाटा के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी उम्मीदवारों ने अपने-अपने चुनाव प्रचार पर 775 करोड़ रुपये खर्च किए.


यह डाटा चुनाव में खड़े हुए उम्मीदवारों द्वारा भेजे गए खर्च के ब्योरे पर आधारित है. कांग्रेस नेता शशि थरूर केरल के थिरुवनंतपुरम से लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने में सफल रहे. उन्होंने चुनाव आयोग को भेजे रिपोर्ट में बताया कि उन्होंने चुनाव प्रचार में कुल 69.94 लाख रुपये खर्च किए. यह किसी भी जीते गए उम्मीदवार द्वारा सबसे ज्यादा खर्च है. 2019 के लोकसभा चुनाव में 543 सीटों पर 8054 उम्मीदवारों ने अपना भाग्य आजमाया था.


फरीदाबाद सीट पर सबसे ज्यादा खर्च 
आंकड़ों के मुताबिक किसी एक संसदीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा खर्च फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में हुआ. जबकि सबसे कम उत्तरी गोवा में उम्मीदवारों ने खर्च किए. फरीदाबाद में सभी उम्मीदवारों ने 2.91 करोड़ रुपये खर्च किए. उत्तरी गोवा में सभी उम्मीदवारों ने सिर्फ 59.84 लाख रुपये खर्च किए. तत्कालीन जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग लोकसभा क्षेत्र में प्रति वोटर सबसे ज्यादा खर्च किए गए जबकि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में प्रति वोटर सबसे कम खर्च किए गए. 2019 के लोकसभा चुनाव में अधिकतम राज्यों में प्रति उम्मीदवार खर्च करने की अधिकतम सीमा 70 लाख रुपये थी. 


तीरथ सिंह रावत दूसरे नंबर पर 
शशि थरूर के बाद भाजपा के तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के गठवाल से चुनाव जीतने में सफल रहे. उन्होंने चुनाव आयोग को भेजे अपनी घोषणा में बताया कि चुनाव प्रचार में उन्होंने 69.85 लाख रुपये खर्च किए. Indian Union Muslim League (IUML) के पी के कुनहलीकुट्टी P K Kunhalikutty ने 69.82 लाख रुपये खर्च किए. खर्च करने के मामले में वे तीसरे नंबर पर रहे. कुनहलीकुट्टी मल्लपुरम लोकसभा क्षेत्र से जीते हैं. 



सिक्किम में सुब्बा ने खर्च किए सिर्फ 7 लाख रुपये 
सबसे कम खर्च करने के मामले में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के इंद्रा हंग सुब्बा रहे. सुब्बा सिक्किम यूनिवर्सिटी में रिसर्च स्कॉलर हैं. उन्होंने चुनाव आयोग को भेजे अपने हलफनामे में मात्र 7. 8लाख रुपये का खर्च दिखाया. हालांकि इन राज्यों में खर्च करने की जितनी सीमा थी, उससे सुब्बा ने 8 गुना कम खर्च किया. सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और गोवा जैसे छोटे राज्यों में 2019 के लोकसभा क्षेत्र में एक उम्मीदवारों द्वारा खर्च करने की अधिकतम सीमा 54 लाख रुपये थी.  


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