नई दिल्ली: करतारपुर साहिब जाने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं होगी और गुरु नानक देव की 550वीं जयंती तथा उद्घाटन समारोह के दिन उनसे कोई शुल्क भी नहीं वसूला जाएगा. पाकिस्तानी पीएम इमरान खान की इस घोषणा के बाद पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वे इस बात का स्वागत करते हैं लेकिन केवल दो दिन के लिए नहीं बल्कि हमेशा के लिए शुल्क माफ किया जाना चाहिए.


कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्विटर पर एक वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में उन्होंने कहा कि ये हमारे हिन्दुस्तान की परंपरा नहीं है. ये हिन्दु धर्म की, सिख धर्म की परंपरा नहीं है. इसको लेकर एक बार बड़ी लड़ाई लड़ी गई थी. जजिया कर वसूला जाता था जिसे अकबर के काल में जाकर माफ किया गया था. ये दोबारा जजिया लगा रहे हैं. हमारी तो खुले दर्शनों की अरदास है. 20 डॉलर देकर गुरु को मत्था टेका जाएगा?





आपको बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि भारत से करतारपुर आने वाले सिख तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं होगी और गुरु नानक देव की 550वीं जयंती तथा उद्घाटन समारोह के दिन उनसे कोई शुल्क भी नहीं वसूला जाएगा. करतापुर गलियारे को 9 नवम्बर से श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा.


खान ने ट्वीट किया,"भारत से करतारपुर आने वाले सिख तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी, केवल पहचान पत्र चाहिए होगा, उन्हें 10 दिन पहले पंजीकरण कराने की आवश्यकता भी नहीं है. उनसे गुरु जी की 550वीं जयंती और उद्घाटन समारोह पर कोई शुल्क भी नहीं वूसला जाएगा."


यह बहुप्रतीक्षित गलियारा पंजाब के गुरदासपुर में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को करतारपुर स्थित गुरुद्वारे दरबार साहिब से जोड़ता है जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज चार किलोमीटर की दूरी पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित है. सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने पाकिस्तान के करतारपुर में रावी नदी के किनारे स्थित दरबार साहिब गुरुद्वारे में अपने जीवन के 18 वर्ष बिताए थे जो इसे श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र स्थल बनाता है.


दोनों देशों के बीच पिछले सप्ताह इस गलियारे को लेकर हुए समझौते के तहत 5,000 भारतीय तीर्थ यात्रियों को रोजाना दरबार साहिब गुरुद्वारे के दर्शन करने की अनुमति होगी. इसके लिए उन्हें करीब 1400 रुपए (20 डॉलर) देने होंगे. हालांकि भारत ने पाकिस्तान से भारतीय श्रद्धालुओं से कोई शुल्क ना वसूलने का आग्रह भी किया है.