चंडीगढ़ः पंजाब में सरकार और संगठन के बीच तालमेल बिठाने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने दस सदस्यीय कमिटी बनाने पर राजी हुए हैं. इसके साथ ही सोमवार से कैप्टन सरकार के मंत्री बारी-बारी से हफ्ते में पांच दिन पार्टी कार्यालय में बैठकर कार्यकर्ताओं और आम लोगों से मिलेंगे. इसे कैप्टन और सिद्धू के बीच दूरियां पाटने की कांग्रेस नेतृत्व की कामयाब कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
रणनीति और नीति तय करने के लिए बनी दस सदस्यीय समिती की अध्यक्षता मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह करेंगे. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, चारों कार्यकारी अध्यक्ष, प्रदेश संगठन महासचिव परगट सिंह के समेत कैप्टन सरकार में टीन मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, मनप्रीत बादल, अरुणा चौधरी इस कमिटी के सदस्य बनाए गए हैं. यह समिति हर हफ्ते बैठक करेगी. कैप्टन के दफ्तर द्वारा जारी की सूचना के मुताबिक इस समिति सरकार के कामकाज की समीक्षा करेगी और जरूरत के मुताबिक मंत्रियों और विशेषज्ञों से भी चर्चा करेगी ताकि सरकार के कार्यक्रमों में तेजी लाई जा सके.
शुक्रवार सुबह हुई कैप्टन और सिध्दू की मुलाकात में यह भी तय हुआ कि सोमवार से पंजाब सरकार के 16 मंत्री बारी-बारी से हफ्ते में पांच दिन पार्टी दफ्तर में 11 बजे से 2 बजे तक बैठेंगे और कार्यकर्ताओं, आम लोगों से मिलेंगे. मंत्रियों का 14 दिसंबर तक का 'ड्यूटी रोस्टर' नवजोत सिंह सिध्दू ने ट्वीट किया. कैप्टन के मुताबिक अगर कोई मंत्री अपनी बारी के दिन उपलब्ध नहीं रहता तो उसे अपनी जगह प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बैठने के लिए किसी अन्य मंत्री की व्यवस्था करनी होगी. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले इस व्यवस्था के जरिए संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल बन पाएगा.
कैप्टन की असहमति के बावजूद सोनिया गांधी ने एक महीने पहले नवजोत सिंह सिध्दू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया था. प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले और बाद भी सिध्दू कैप्टन सरकार पर सवाल खड़ा करते रहे हैं. कैप्टन और सिद्धू की जंग कांग्रेस का पार्टी को नुकसान ना हो इस लिए कांग्रेस आलाकमान लगातार कोशिश कर रहा है. देखना होगा कि क्या सिध्दू अब भी कैप्टन सरकार पर गाहे बगाहे निशाना साधते रहेंगे या फिर समन्वय समिति के जरिए सरकार के कामकाज में सुधार लाने में कैप्टन का हाथ बटाएंगे.