Captain vs Sidhu: पंजाब में कांग्रेस में मतभेद और दो धड़ों में बंटने की खबर लगातार सामने आ रही हैं. एक तरफ नवजोत सिंह सिद्धू पार्टी के विधायकों और नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ कैप्टन अमरिंदर सिंह खेमे के लोग एकजुट होकर कांग्रेस आलाकमान को अपनी ताकत का एहसास करवा रहे हैं.
इसी कड़ी में दिल्ली में कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा के घर पर भी पंजाब कांग्रेस सांसदों ने एक बैठक की. माना यह जा रहा है कि इस बैठक में सिद्धू को लेकर जो पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की राय और आपत्ति है उस पर चर्चा हुई. हालांकि, बैठक के बाद बैठक में शामिल नेताओं ने कहा कि इस बैठक का मुद्दा सोमवार से शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान पंजाब कांग्रेस के सांसदों की रणनीति पर चर्चा करना था.
कांग्रेसी सांसद प्रताप सिंह बाजवा के घर पर पंजाब कांग्रेस के सांसदों की बैठक करीब 2 घंटे तक चली. इस बैठक के दौरान आधा दर्जन से ज्यादा कांग्रेस सांसद मौजूद थे. बैठक में जो भी लोग मौजूद थे उनको कैप्टन अमरिंदर सिंह खेमे का माना जा रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कैप्टन अमरिंदर सिंह खेमा कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद देने की खिलाफत कर रहे हैं.
हालांकि बैठक के बाद प्रताप सिंह बाजवा के घर पर मौजूद नेताओं और खुद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि इस बैठक का मकसद था कि आगामी मानसून सत्र के दौरान जिन मुद्दों पर पार्टी संसद में चर्चा करना चाहती है उन पर एक रूपरेखा तैयार करना. रही बात पंजाब कांग्रेस में मतभेद या किसी तरह की गतिरोध की तो वह पूरी तरह से गलत है क्योंकि पंजाब कांग्रेस के नेता पहले ही साफ कर चुके हैं कि जो भी कांग्रेस अध्यक्षा का फैसला होगा वह सब को मंजूर होगा.
पंजाब कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर किसी तरह का कोई विवाद नहीं है. एक बड़ी पार्टी में छोटे-मोटे मतभेद होते रहते हैं और वह आपस में दूर भी हो जाते हैं. लिहाजा यह मान लेना कि पार्टी दो भागों में बांट गई है वह पूरी तरह से गलत है.
प्रताप सिंह बाजवा का कहना है कि उनकी और कैप्टन अमरिंदर सिंह की मुलाकात के सियासी मायने नहीं निकाले जाने चाहिए क्योंकि प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में चुनाव है इसलिए पार्टी के वरिष्ठ सदस्य होने के नाते उन्होंने कैप्टन से मुलाकात की. प्रताप सिंह बाजवा ने इस दौरान बार-बार यही दोहराया कि सिद्धू को लेकर पार्टी में किसी तरह का कोई मतभेद नहीं है. अगर कांग्रेस अध्यक्षा पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर नवजोत सिंह सिद्धू के नाम पर मुहर लगाती है तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का फैसला सभी को मंजूर होगा.
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