नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया के एयर ऑपरेशन्स को ग्राउंड पर ला दिया है लेकिन कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पीपीई किट, मास्क, ग्लब्स और दूसरे जरूरी मेडिकल ईक्यूपमेंट्स सहित राहत सामाग्री के लिए एयर-कार्गो ऑपरेशन्स अभी भी चल रहे हैं.‌ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' में 'लाइफ लाइन उड़ान' का जिक्र किया. खास बात ये है कि आज ही 'विश्व पायलट दिवस' भी है. इस मौके पर एबीपी न्यूज ने खास बातचीत की एक ऐसे ही पायलट से जो इनदिनों चीन सहित देश के अलग अलग हिस्सों में एयर कार्गो के जरिए जरूरी सामान पहुंचा रहे हैं.


प्राईवेट एयरलाइंस, स्पाइस जेट की कार्गो सेवा, स्पाइस-एक्सप्रेस के पायलट, कैप्टन अधीर्थ दीक्षित कोरोना वायरस महामारी के दौरान भी शंघाई, हांगकांग और सिंगापुर सहित कोलकता, बेंगलुरू और चेन्नई के लिए उड़ान भर रहे हैं. उनकी एयरलाइंस, स्पाइसजेट ने लॉकडाउन के दौरान 430 से भी ज्यादा उड़ान भरी है और करीब चार हजार टन कार्गो देश-विदेश में पहुंचा चुकी है.‌


कैप्टन अधीर्थ दीक्षित के मुताबिक, जब देश पर कोई भी मुसीबत आएगी तो देश का हरेक नागरिक फ्रंट-लाइन वर्कर की तरह काम करेगा. यही वजह है कि वे भी कोरोना-वॉरियर की भूमिका निभा रहे हैं और कोविड-19 से अपना बचाव करते हुए अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. इस दौरान अपनी स्वास्थ के साथ साथ परिवारवाले भी चितिंत रहते हैं, लेकिन उन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए वे अपने कार्गो ऑपरेशन्स को पूरा कर रहे हैं.


कैप्टन अधीर्थ दीक्षित के मुताबिक, कार्गो में इन दिनों कोरोना वायरस से लड़ने वाली दवाईं और मेडिकल ईक्यूपमेंट्स के साथ साथ राहत सामाग्री लेकर जा रहे हैं. अपनी शंघाई (चीन) की फ्लाईट के बारे में वे बताते हैं कि इस दौरान वे शंघाई एयरपोर्ट पर सेफ्टी प्रोटोकल के तहत अपने कॉकपिट में ही रहे. फ्लाईट के दौरान वे पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन ईक्यूपमेंट) गियर सूट पहने हुए थे और मुंह पर मास्क और हाथों में ग्लब्स पहने रहे। शंघाई एयरपोर्ट के स्टाफ और लोडर्स भी प्रोटेक्टिव सूट पहने थे.


बता दें कि भले ही देश-दुनिया के सभी कामर्शियल प्लेन ग्राउंडेट हैं लेकिन एयर कार्गो ऑपरेशन्स चालू हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने 'मन की बात ' में खासतौर से 'लाइफ लाइन-उड़ान' का जिक्र किया. इसके तहत सरकारी और प्राईवेट एयरलाइंस सहित भारतीय वायुसेना के विमान कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जरूरी दवाईयां और दूसरा जरूरी सामान एक जगह से दूसरी जगह लेकर जा रहे हैं.


लाइफलाइन उड़ान’ का संचालन घरेलू क्षेत्र में नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है ताकि देश के दूरदराज के हिस्सों में कोविड-19 के खिलाफ भारत के युद्ध का समर्थन करने के लिए आवश्यक चिकित्सा कार्गो का परिवहन किया जा सके.


घरेलू लाइफलाइन उड़ान द्वारा ढोए गए कार्गो में कोविड-19 संबंधित एंजाइम, चिकित्सा उपकरण, परीक्षण किट, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), मास्क, दस्ताने, एचएलएल एवं आईएमसीआर की अन्य सामग्री और राज्य-केन्द्र शासित प्रदेश सरकारों का जरूरी कार्गो व डाक पैकेट आदि शामिल हैं. अबतक इसके जरिए करीब 3.76 लाख किलोमीटर का सफर विभिन्न एयरलाइंस की कार्गो फ्लाईट पूरा कर चुकी हैं.