भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में वैक्सीन ट्रायल के प्रतिभागी दीपक मरावी की संदिग्ध मौत के मामले में दो महीने बीतने के बाद जो विसरा रिपोर्ट सामने आई है उसने मामले को और उलझा दिया है.
रिपोर्ट में सामने आया कि उसके विसरा में इथाइल अल्कोहल और एसिडिटी क़ी दवा मिली है लेकिन इससे भी कुछ साबित नहीं हो रहा की उसकी मौत क्यों हुई. जबकि दीपक की पोस्टमार्टम में ज़हर होने की बात सामने आई थी.
भोपाल के टीला जमालपुरा के दीपक मरावी ने वैक्सीन ट्रायल में शामिल होकर और पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में जाकर 12 दिसंबर को कोविड वैक्सीन का डोज लिया था. बाद में 21 दिसंबर को उसकी संदिग्ध मौत हो गई. जिस पर भारी हंगामा हुआ था और देश-दुनिया में खबरें छपी थीं.
इस मौत के दो महीने बाद जो विसरा रिपोर्ट आई है उसमें पता चला है कि विसरा में इथाइल एल्कोहल और ओमेप्रोजॉल पाया गया. जानकारों का कहना है की ओमेप्रोजॉल एसिडिटी की दवा है और ईथाइल अल्कोहल ज़हर नहीं होता ये शराब में पाया जाता है.
उधर दीपक के बेटे आकाश मरावी का कहना है की उसके पिता 12 तारीख को वैक्सीन लगाकर आए थे बाहर ही नहीं निकले. वह कह रहे हैं वो शराब नहीं पीते थे पैसे ही नहीं थे, काम पर जाना बंद कर दिया था.
दीपक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बहुत कुछ साफ़ नहीं हो पाया था लेकिन क्या पुलिस विसरा और पोस्टमार्टम के आधार पर किसी नतीजे पर पहुंच सकती है.
आखिरकार अगर मामला आत्महत्या का है तो तय तो पुलिस ही करेगी क्योंकि पोस्टमार्टम में किसी बाहरी चोट का जिक्र नहीं जो अमूमन आत्महत्या से लग सकती है. पुलिस भी फिलहाल सवाल पूछ रही है.
भोपाल के डीआईजी इरशाद वली का कहना है की हम पुख्ता तौर पर नहीं कह सकते लेकिन एक बात एफएसएल रिपोर्ट में आई है इथाइल अल्कोहल और ओमेप्रोजॉल. हम मेडिको लीगल सेल और एफएसएल से पूछ रहे हैं कि ये मिश्रण जहरीला कैसे हो सकता है जिससे किसी की मौत हो जाए हमें एफएसएल रिपोर्ट मिल गई है हम जांच कर रहे हैं .
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