नई दिल्ली: डेढ़ सौ कंपनियां बनाकर और फिर उनके जरिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन लेने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोलकाता (Kolkata) के पुष्पेश कुमार वैद्य और उनके सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत आरोप-पत्र (charge sheet) कोलकाता की विशेष अदालत के सामने पेश किया है. इस मामले में सैकड़ों करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है.
प्रवर्तन निदेशालय के एक आला अधिकारी ने बताया कि ईडी ने यह मामला कोलकाता शाखा द्वारा पुष्पेश कुमार वैद्य, धर्मेश कुमार वैद्य, प्रेम प्रकाश वैद्य कोकिला देवी वैद्य और उनकी कंपनियों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दर्ज 8 मुकदमों के आधार पर दर्ज किया था. यह सभी वैद्य फैमिली के सदस्य बताए जाते हैं. इनके अलावा बैंक अधिकारियों के नाम भी एफआईआर में शामिल थे और इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं समेत अनेक अपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था.
बैंक अधिकारियों पर घोटाले में शामिल होने के आरोप
इस मामले में आरोप था कि इन लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंकों से लोन लिए. इस लोन लेने के घोटाले में बैंकों के अनेक अधिकारी भी शामिल थे. दिलचस्प बात यह है कि इन लोगों ने डेढ़ सौ कंपनियां बनाई और उन कंपनियों के आधार पर विभिन्न बैंकों से अनेक बार लोन लिया गया. बैंक के अधिकारियों ने भी इन लोगों को लोन देने के लिए तमाम नियम कानूनों को ताक पर रख दिया. आरोप है कि बैंक अधिकारियों ने इसके बदले लोगों से मोटी रकम वसूली.
वैद्य परिवार की 23 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जब्त
आरोप के मुताबिक इन लोगों ने बैंक से सैकड़ों करोड़ रुपए लोन लिया और उस पैसे को अपनी कंपनियों के जरिए इधर-उधर भेजा. उस काम में पैसा लगाया ही नहीं गया जिस काम के लिए बैंक से लोन लिया गया था. ईडी का दावा है कि अब तक के जांच के दौरान इस मामले में 182 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले का पता चला है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने अब तक वैद्य परिवार की 23 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जब्त की है. मामले की जांच के बाद ईडी ने आरोपपत्र विशेष अदालत के सामने पेश किया है. मामले की जांच जारी है.
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