विमान खरीद दलाली मामलाः आर्म्स डीलर संजय भंडारी, कई वायुसेना अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
सीबीआई ने कहा कि उसने हथियारों के डीलर संजय भंडारी और भारतीय वायुसेना और रक्षा मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ साल 2009 के प्रशिक्षण विमान सौदा मामले में मामला दर्ज किया है.
नई दिल्लीः राबर्ट वाड्रा पर शिकंजा कसने की एक और तैयारी कर ली गई है. सीबीआई ने हथियार डीलर संजय भंडारी के खिलाफ भारतीय वायुसेना को 75 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट खरीदने के मामले में 350 करोड़ रुपये की दलाली लेने का मुकदमा दर्ज किया है. बताया जा रहा है कि दलाली भंडारी के दुबई स्थित बैंक खाते में भी आई और इसी खाते से भंडारी पर लंदन का फ्लैट खरीदने का आरोप है. सीबीआई ने अपनी एफआईआर में भंडारी के सहयोगियों समेंत भारतीय वायुसेना और रक्षा मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों और एयरक्राफ्ट सप्लाई करने वाली स्विस कंपनी पिलाटस को भी आरोपी बनाया है.
भारतीय वायुसेना और रक्षा मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा सीबीआई ने संजय भंडारी समेंत भारतीय वायुसेना और रक्षा मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों और स्विस फर्म पिलाटस के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. सीबीआई की एफआईआर में कहा गया है कि साल 2009 में भारतीय वायुसेना ने 75 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट खरीदने का टेंडर निकाला था इस टेंडर को स्विस कंपनी पिलाटस ने भी भरा था. आरोप है कि पिलाटस कंपनी ने हथियारो के दलाल संजय भंडारी से इस सौदे को उन्हें दिलाने के लिए एक करारनामा किया जो भारतीय रक्षा नियमो का उल्लघंन भी था. इसके बाद भंडारी के सहयोगियों और उसकी कंपनियो में पिलाटस कंपनी ने पैसे भेजने शुरू कर दिए.
350 करोड़ रुपये से ज्यादा की घूस का आरोप सीबीआई की एफआईआर कहती है कि 75 विमानों को खरीदने का ये सौदा 2895 करोड़ रुपये का था. आरोप है कि पिलाटस कंपनी ने इसके लिए संजय भंडारी तथा दूसरे लोगों को 350 करोड़ रुपये से ज्यादा की घूस दी थी. सीबीआई का दावा है कि उसने इस मामले की आंरभिक जांच साल 2016 में ही शुरू कर दी थी और तीन साल तक चली आरंभिक जांच के दौरान पूरे तथ्य मिलने पर ही विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
घूस की रकम से संजय भंडारी ने लंदन में फ्लैट खरीदा-सीबीआई सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक पिलाटस कंपनी को साल 2012 में रक्षा मंत्रालय से ये सौदा मिल भी गया और उसके बाद घूस की ये रकम संजय भंडारी की दुबई स्थित ऑफसेट इंडिया साल्यूशन कंपनी में और उसके सहयोगियो की कंपनी में भी गई. यह भी आरोप है कि रिश्वत की रकम में से रक्षा मंत्रालय और भारतीय वायुसेना के अज्ञात अधिकारियों को भी रिश्वत दी गई. आरोप है कि भंडारी ने इसी पैसे से लंदन में फ्लैट खरीदा था और इसी फ्लैट को लेकर संजय भंडारी और राबर्ट वाड्रा के बीच मेंलबाजी हुई थी जिसे आयकर विभाग ने छापे के दौरान बरामद किया था. एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई ने भंडारी के ठिकानों पर छापेमारी कर अनेक दस्तावेज बरामद करने का दावा किया है.
सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियां इस मामले के तार से तार जोड़ना चाहती हैं. जांच के दौरान इन तारों का कनेक्शन राबर्ट वाड्रा और लंदन स्थित फ्लैट तक भी पहुंच सकता है यानि सीबीआई की निगाहें कही और हैं और निशाना कहीं और. साफ जाहिर है कि आने वाले दिनों में दलाली के इस खेल को लेकर राबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
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