नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक बार फिर सुर्खियों में है. एएमयू में गुरुवार को आतंकी मन्नान वानी को श्रद्धांजलि दी गई और इसको लेकर जारी विवाद के बीच एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. इसमें छात्र आजादी, आजादी के नारे लगा रहे हैं. कहा जा रहा है कि ये वीडियो भी कल का ही है और ये नारेबाजी भी उसी वक्त हो रही है जब छात्र आतंकी को श्रद्धांजलि देने के लिए जुटे थे.


इस वीडियो में ज्यादा कुछ समझ में तो नहीं आ रहा है लेकिन इतना जरूर सुनाई दे रहा है कि छात्र आजादी-आजादी के नारे लगा रहे हैं. पुलिस का कहना है कि आतंकी को श्रद्धांजलि देने वाले छात्रों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और वायरल वीडियो की भी जांच हो रही है. ताजा जानकारी मिलने तक एएमयू प्रशासन ने तीन सदस्य कमेटी गठित की है. ये कमेटी एएमयू प्रशासन को 72 घंटे में रिपोर्ट देगी. वहीं नौ छात्रों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है जो 48 घंटे में जवाब देंगे. जांच कमेटी में दो डिप्टी डॉक्टर और एक असिसटेंट प्रॉक्टर शामिल हैं.



उधर एएमयू प्रशासन ने इस मामले में तीन छात्रों को निलम्बित कर दिया गया है. एएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर शाफे किदवई ने शुक्रवार को बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन को कल शाम खबर मिली थी कि जम्मू-कश्मीर के रहने वाले कुछ छात्र केनेडी हॉल के पास एकत्र हुए हैं और वे वानी की नमाज-ए-जनाजा पढ़ने की फिराक में हैं. इस पर विश्वविद्यालय के सुरक्षा स्टाफकर्मी मौके पर पहुंचे. इसी बीच, एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने हस्तक्षेप करते हुए कश्मीरी छात्रों को यह नमाज पढ़ने से रोका.


किदवई ने बताया कि छात्र संघ नेताओं ने कहा कि एक आतंकवादी के जनाजे की नमाज पढ़ना स्वीकार्य नहीं है और कश्मीरी छात्रों को ऐसा नहीं करने दिया जाएगा. एएमयू सुरक्षा स्टाफ ने भी उन्हें रोका. इस पर दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस भी हुई, लेकिन कुछ देर बाद कश्मीरी छात्र वहां से चले गए.


किदवई ने कहा कि एएमयू प्रशासन का स्पष्ट मानना है कि वह किसी भी राष्ट्रविरोधी गतिविधि को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने बताया कि अवैध तरीके से भीड़ जमा करने के आरोप में विश्वविद्यालय के तीन छात्रों को निलम्बित कर दिया गया . पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की हिमायत करते हैं लेकिन राष्ट्रद्रोह या आतंकवाद किसी भी हाल में सहन नहीं किया जाएगा. दहशतगर्दों के समर्थन का कोई भी कार्यक्रम विश्वविद्यालय परिसर में नहीं होने दिया जाएगा.


इस बीच, अलीगढ़ से बीजेपी के सांसद सतीश गौतम ने आतंकवादी अब्दुल मन्नान वानी की नमाज-ए-जनाजा पढ़ने की कोशिश करने वाले छात्रों को एएमयू से निष्कासित करने की मांग की है. हालांकि उन्होंने वह नमाज पढ़ने से रोकने के लिये एएमयू छात्र संघ की सराहना भी की.


गौरतलब है कि हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकवादी मनन वानी गुरुवार को कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में मारा गया था. वह एएमयू में पीएचडी का छात्र था. पिछली जनवरी में उसने सोशल मीडिया पर एके-47 रायफल के साथ अपनी तस्वीर डाली थी, जिसके बाद उसे विश्वविद्यालय से निष्कासित दिया गया था.