मुंबई: दिल्ली के बीजेपी हेड क्वार्टर में आयोजित रिलिजियस कल्चरल मीट कार्यक्रम में "आज के शिवाजी- नरेंद्र मोदी" किताब का विमोचन हुआ. इस किताब के विमोचन के साथ ही महाराष्ट्र की तीन बड़ी पार्टियों को बीजेपी पर निशाना साधने का मौका मिल गया. शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने एक सुर में छत्रपति शिवाजी महाराज की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किए जाने का विरोध किया.
शिवसेना ने विरोध करते हुए किताब के लेखक जय भगवान गोयल को निशाने पर लिया. शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि गोयल एक वक्त तक शिवसेना में थे लेकिन महाराष्ट्र सदन पर हुए हमले के बाद कुछ साल पहले उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था. संजय राउत ने सवाल पूछा कि क्या महाराष्ट्र के बीजेपी नेताओं को छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना मंजूर है ? क्या शिवाजी के वंशजों को छत्रपति शिवाजी महाराज की तुलना नरेंद्र मोदी के साथ मंजूर है ?
गौरतलब है कि शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले 5 महीने पहले तक एनसीपी के सांसद थे लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए. विधानसभा चुनाव के साथ हुए लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार उदयनराजे भोसले एनसीपी के उम्मीदवार के सामने हार गए. उदयनराजे भोसले के अलावा छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज छत्रपति संभाजी राजे राज्यसभा सांसद हैं.
शिवाजी महाराज के वंशज और बीजेपी से राज्यसभा में सांसद संभाजी राजे ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे आदरणीय राजा हैं. उनकी तुलना आज के समय के नेताओं से करना यह शिव भक्तों को मान्य नहीं है. पार्टी ने यह किताब प्रकाशित की है तो हमारी भावनाओं को नजरअंदाज ना करें. मैं पार्टी अध्यक्ष से किताब वापस लिए जाने की मांग करता हूं.
संजय राउत ने कहा कि कम से कम महाराष्ट्र में बीजेपी के नेताओं को सामने आना चाहिए और इस तुलना के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. जिस तरह सिर्फ एक सूर्य और एक चंद्रमा होता है उसी तरह सिर्फ एक ही छत्रपति शिवाजी महाराज हैं. शिवसेना के साथ-साथ महाराष्ट्र कांग्रेस और महाराष्ट्र एनसीपी के नेताओं ने भी इस किताब पर सवाल उठाए हैं और बीजेपी को सबक सिखाने की बात कही है. कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि नरेंद्र मोदी और छत्रपति शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व की तुलना हो ही नहीं सकती.
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा, ''छत्रपति शिवाजी महाराज की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करना छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारधारा का अपमान है क्योंकि आज की बीजेपी की विचारधारा शिवाजी महाराज की विचारधारा के विपरीत है.'' एनसीपी नेता और राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा कि इस प्रकार की तुलना मराठी भाषियों का अपमान है. महाराष्ट्र के लोग उन लोगों को कभी माफ नहीं करेंगे जो अपनी तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज से करना चाहते हैं.
एनसीपी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने शिवाजी महाराज के नाम पर वोट मांगा और आज उनसे अपनी तुलना कर रहे हैं. शिवाजी महाराज की तुलना नरेंद्र मोदी से बिल्कुल संभव नहीं है. पहले के राजा कुछ चाटुकार रखते थे. उसी तरह कुछ लोग आज नरेंद्र मोदी की तुलना भगवान श्री राम और शिवाजी महाराज से कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी का काम एक धर्म विशेष के खिलाफ है. नरेंद्र मोदी को शिवाजी महाराज की तरह अगर कैद में रखा गया होता तो ना जाने क्या होता. इस किताब पर प्रतिबंध लगना चाहिए.
बीजेपी नेता जय भगवान गोयल के इस विवादित किताब के विमोचन के दौरान दिल्ली में बीजेपी के कई नेता मौजूद थे. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी, दिल्ली प्रभारी श्याम जाजू और पूर्व सांसद महेश गिरी इस कार्यक्रम में मौजूद थे. किताब के विमोचन का कार्यक्रम रविवार के दिन दिल्ली स्थित पार्टी के हेड क्वार्टर में हुआ. विवाद इतना बढ़ गया है कि नागपुर में कांग्रेस के एक नेता ने इस किताब के प्रकाशक और लेखक गोयल के खिलाफ नंदनवन पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है और किताब पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
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