जेट एयरवेज की उड़ानें रुकने के बाद कंपनी के कर्मचारियों की आपबीती, उन्हीं की जुबानी
तमाम कर्मचारियों की दिक्कतों को लेकर आज एम्प्लाई यूनियन के अध्यक्ष किरण पावसकर ने जेट एयरवेज के अधिकारियों के साथ मुलाकात भी की. इसमें बताया गया कि अभी कर्मचारियों का क्या होगा वो नही बता सकते.
नई दिल्लीः देश में लोकसभा चुनाव का माहौल है और वोट डाले जा रहे हैं. इसी दौरान जेट एयरवेज के करीब 20 हजार कर्मचारियों पर बेरोजगारी की चोट पड़ी है. जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल 2018 की रात से अपनी सभी उड़ानों पर रोक लगा दी है जिसकी वजह से उसके कर्मचारी सड़क पर आ गये हैं.
मुंबई के अंधेरी इलाके में जेट एयरवेज के दफ्तर पर जेट एयरवेज के वो तमाम कर्मचारी इकट्ठा हुए हैं जिनकी रोजी रोटी छिनने की नौबत आ गयी है. जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल को जैसे ही ऐलान किया कि अभी उनका कोई विमान आसमान में नही उड़ेगा इस खबर के साथ ही ये सारी कर्मचारी अपने को सड़क पर आया महसूस कर रहे हैं. सबके अंदर एक बेचैनी है कि आखिर अब क्या होगा. एबीपी न्यूज ने इन कर्मचारियों से बात की.
संदीप: संदीप 25 साल से जेट एयवेज के कर्मचारी हैं. संदीप की पूरी उम्र लगभग जेट एयरवेज के साथ गुजर गयी. संदीप के परिवार में 6 लोग हैं. संदीप कहते हैं कि उनकी इस मुश्किल की घड़ी में सरकार को देखना चाहिए और जेट एयवेज कंपनी के बारे में सोचना चाहिए. अगर सरकार कुछ नही करती तो इसका खामियाजा मुंबई में होने वाले चुनाव में देखने को मिलेगा.
दुर्गेश: दुर्गेश 3 साल से जेट एयरवेज के साथ काम कर रहे हैं. दुर्गेश का 7 लोगों का परिवार है. दुर्गेश का कहना है कि जो सरकार हमारे बारे में नहीं सोच रही हम उसके बारे में क्यों सोचें. ऐसे में हम वोट देने ही नहीं जाएंगे.
जया पांडेय: जया पांडेय 3 साल से जेट एयरवेज में काम करती हैं. जया के मुताबिक उनके पिता भी जेट एयरवेज में हैं लेकिन 3-4 महीनों से बेटी और पिता को सैलरी नही मिली जिसकी वजह से घर चलाना मुश्किल हो गया है. घर की ईएमआई जाती है उसकी समस्या खड़ी हो गयी है. दूसरी एयरलाइन में नौकरी मांगने जा रहे हैं तो वो हमारी मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं और जितनी सैलरी हमें मिलती है उससे कम सैलरी देने की बात कर रहे हैं. समझ में नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए.
प्रियंका कुमावतः हम 1 साल काम कर रहे हैं जब हमें दिक्कत हो रही है तो सोचिये जो 20 साल से काम कर रहे हैं उनका क्या होगा. 20 हजार रुपये हमने अपनी ट्रेनिंग के लिये भरे हैं वो 18 महीने बात मिल जाते हैं. पता नहीं अब मिलेंगे कि नहीं. ऐसी क्राइसिस के बाद दूसरे एयरलाइंस में जाने में भी डर लग रहा है.
वसीम कुरैशीः वसीम 6 साल से काम कर रहे हैं, ऐसा होगा कभी सोचा नहीं था.
भालचंद गांगगुर्देः हमारे छोटे बच्चे हैं उनकी पढ़ाई का क्या होगा, हमने बच्चों के भविष्य के लिये कर्ज लिया है अगर अचानक हमारे साथ ऐसा हुआ तो क्या करेंगे. 2 महीने से सैलरी नही मिली घर का पूरा रूटीन बिगड़ चुका है.
मिशा बक्शीः 2 साल से काम कर रही हूं, 2 महीने से सैलरी नहीं मिली. बहुत दिक्कत हो रही है. जेट एयरवेज का विमान एक बार फिर टेक ऑफ होगा ऐसी उम्मीद है.
तमाम कर्मचारियों की दिक्कतों को लेकर आज एम्प्लाई यूनियन के अध्यक्ष किरण पावसकर ने जेट एयरवेज के अधिकारियों के साथ मुलाकात भी की. इसमें बताया गया कि अभी कर्मचारियों का क्या होगा वो नही बता सकते. एक हफ्ते तक कंपनी किसी दूसरे इनवेस्टर की तलाश में हैं. उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जायेगा.
फिलहाल जेट एयरवेज के कर्मचारी अपनी रोजी रोटी जाने की चिंता में परेशान हैं और सब इसी उम्मीद में हैं कि उनकी कंपनी के विमान फिर एकबार आसमान में उड़े ताकि उनके जीवनयापन की दिक्कतें दूर हो सकें.
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