राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान टनल में 24 जून की सुबह 'ठक-ठक गैंग' ने एक डिलीवरी एजेंट से गन पॉइंट पर 2 लाख रुपए लूट लिए. जब ये घटना हुई तब डिलीवरी एजेंट कैब में था और कैब पूरी रफ्तार में सड़क पर दौड़ रही थी. 


सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है जब कार प्रगति मैदान के पास बने टनल में पहुंची तभी दो बाइक सवार बदमाशों ने उसे रोक लिया. बदमाशों ने गन प्वाइंट पर कार में सवार बैठे लोगों से 2 लाख रुपये लूट लिए.


इस तरह से लूटने वाले गिरोह को 'ठक-ठक गैंग' कहा जाता है. इस गैंग की नजर शुरू से ही आपकी कार पर रहती है. वो कार के अंदर पड़े मोबाइल, लैपटॉप बैग और अन्य कीमती सामान जैसे गले की चेन और कैश पर भी नजर गड़ाए रहते हैं और मौका मिलने पर उन्हें लूट लेते हैं. 


इस गैंग के आदमी ट्रैफिक सिग्नल से लेकर भीड़-भाड़ वाले इलाकों तक, हर तरफ फैले हुए हैं. इनका काम है सड़क पर आते जाते कारों में रखा कीमती सामान लूटना. 


वीआईपी इलाके में लूट से सहमे दिल्ली वाले


प्रगति मैदान टनल मामले में सोमवार यानी 26 जून की देर रात दो संदिग्धों को पकड़ लिया गया है. लेकिन, राजधानी दिल्ली के वीआईपी इलाके में हुई इस लूट के बाद दिल्ली वाले सहम गए हैं.


खास बात ये है कि जिस जगह पर ये घटना हुई उससे मुश्किल से 100 मीटर की दूरी पर सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक है. घटना के वक्त टनल की एंट्री और एग्जिट पर दो सिक्योरिटी गार्ड तैनात थे.


पुलिस के अनुसार यह टनल लगभग 1.5 किलोमीटर लंबा है और 16 सिक्योरिटी गार्ड टनल की सुरक्षा करते हैं. दिल्ली में लूट की ये पहली घटना नहीं है पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें बदमाशों को दिन दहाड़े लूटते या चेन खींचकर भागते देखा गया है.


दिल्ली पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट की मानें तो राजधानी में पिछले 4 सालों में लगातार लूट जैसी घटनाएं बढ़ रही है. 


लगातार बढ़ रहे हैं लूट के मामले 


आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में साल 2019 में लूट के 1956 मामले दर्ज किए गए. जबकि 2020 में यही मामले बढ़कर 1963 हो गया. साल 2021 में राजधानी में दिन दहाड़े लूटने के 2333 मामले दर्ज किए गए. जबकि साल 2022 के सिर्फ 15 जुलाई तक 1221 मामले दर्ज किए जा चुके थे. 




साल 2022 में स्नैचिंग के मामले में 12 प्रतिशत की बढ़त


लूट की घटनाओं के अलावा राजधानी में स्नैचिंग की घटनाओं के बढ़ते आंकड़ों ने भी लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है. ज्यादातर मामलों में पुलिस अपराधियों को पकड़ तो लेती है, लेकिन इस तरह के अपराधों को रोकने का तरीका अभी भी नहीं निकल पाया है. 


दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार साल 2022 में राजधानी में स्नैचिंग की घटनाओं में 12.5 फीसदी का इजाफा हुआ है. पुलिस के अनुसार साल 2022 के पहले छह महीनों में ही शहर में स्नैचिंग की 5 हजार 24 घटनाएं हुईं. जिसका मतलब है कि हर रोज 25 से ज्यादा घटनाएं. 




लूट की घटनाओं पर क्यों नहीं रोक लगा पा रही दिल्ली पुलिस 


राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ रहे अपराधों का सबसे बड़ा कारण आवश्यकता से कम पुलिसकर्मियों की संख्या को माना जाता है. फिर चाहें वह सब इंस्पेक्टर का पोस्ट हो कांस्टेबल का, हर पोस्ट पर आवश्यक संख्या से कम पुलिसकर्मी कार्यरत हैं.


अगर पर्याप्त संख्या में जवानों की तैनाती होगी तभी शायद दिल्ली पुलिस बेहतर तरीके से अपराध पर लगाम लगाते हुए दिल्ली को सुरक्षित बना पाएंगे.   


आंकड़ों से समझिए... 


सब इंस्पेक्टर: दिल्ली में पुलिसकर्मियों की संख्या की बात की जाए तो वर्तमान में दिल्ली पुलिस में कुल 6802 सब इंस्पेक्टर हैं. जबकि ये संख्या 7456 होनी चाहिए. एसआई के पद पर 654 यानी कि 9 प्रतिशत कम कर्मी हैं. 


कांन्स्टेबल: राजधानी दिल्ली में कॉन्स्टेबल के पद पर 5,729 कर्मियों की कमी है जो आवश्यक 43,191 कर्मियों का 13 प्रतिशत है. 


हेड कांस्टेबल: हेड कांस्टेबल के पद की बात की जाए तो यहां 21,232 हेड कांस्टेबल की पोस्ट है लेकिन मात्र 18,683 कर्मी तैनात हैं जो कि 12 प्रतिशत कम है. 


आंकड़ों को देखें तो पाएंगे कि दिल्ली पुलिस में कुल  82,196 पुलिसकर्मी होने चाहिए, लेकिन वर्तमान में सिर्फ 72934 पुलिसकर्मी ही कार्यरत हैं. यानी आवश्यक कर्मियों में 9262 और 11 प्रतिशत की कम. जो कहीं न कहीं दिल्ली पुलिस की कार्यकुशलता के आड़े आ रहा है. 




क्या कहती है जनता 


सुनीता जैन: सुनीता जैन दिल्ली के मयूर विहार में रहती हैं. उन्होंने एबीपी को बताया कि मई के महीने में दिन दहाड़े उनके साथ चेन स्नैचिंग की घटना हुई थी. उन्होंने बताया कि शाम का समय था और वह बाजार से वापस लौट रही थीं. इसी बीच किसी पीछे से एक बाइक आई जिस पर दो लोग सवार थे.


उन्होंने सुनीता के गले से सोने की चेन खींची और उसी रफ्तार में भाग खड़े हुए. सुनीता ने बताया कि घटना के बाद वह पुलिस के पास एफआईआर लिखवाने पहुंची. पुलिस ने कम्पलेन तो लिख लिया लेकिन उसके बाद मुझे वापस वह चेन दोबारा नहीं मिल पाया. 


प्रवेश पाठक: दिल्ली के अशोक नगर में रहने वाले 53 साल के प्रवेश पाठक का कहना है इस शहर में एक बार कोई सामान चोरी हो गया तो उसका वापस मिलना नामुमकिन है.


उन्होंने बताया कि 6 महीने पहले उनके घर के आगे से उनकी बाइक चोरी हो गई. सामने लगा सीसीटीवी फुटेज में सब कैद भी गुआ और मैंने एफआईआर भी दर्ज करवा ली. लेकिन मुझे कहीं न कहीं पता था कि अब वो बाइक वापस नहीं मिलने वाली है. 


प्रतीक कुमार: मयूर विहार में रह रहे प्रतीक कुमार का कहना है कि ऐसे मामलों में पुलिस एफआईआर तो दर्ज करती है लेकिन एक्शन नहीं ले पाती. उल्टा हमें ही कह देती है कि आपको सतर्क रहना चाहिए.


मुझे लगता है कि राजधानी होने के नाते यहां का कानून व्यवस्था इतना सख्त होना चाहिए कि बाकी राज्यों में यह उदाहरण की तरह पेश किया जा सके. लेकिन फिलहाल हालात बिल्कुल इसके उलट है. राजधानी लूट से लेकर छीना छपटी तक में सबसे टॉप राज्यों में है. 


प्रगति मैदान टनल में हुए लूट पर राजनीति शुरू, किसने क्या कहा? 


सीएम अरविंद केजरीवाल: इस लूट की घटना के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल और केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा.  उन्होंने उपराज्यपाल से इस्तीफा की मांग करते हुए ट्वीट करते हुए कहा, 'जब वो दिल्ली को सुरक्षित नहीं रख सकते हैं तो उन्हें अपना पद त्याग देना चाहिए.


साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार और निशाना साधते हुए कहा कि अगर वो दिल्ली के लोगों को सुरक्षा नहीं दे सकते हैं तो पुलिस को उन्हें सौंप दें. वे बताएंगे कि कैसे शहर को सुरक्षित और अपराध मुक्त रखा जा सकता है.' 


आतिशी: दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि प्रगति मैदान के पास जो डकैती विडियो सामने आया है, ऐसी डकैती चंबल की घाटियों में होती थी. जहां डकैत कनपटी पर बंदूक रखकर सामान लूट लेते थे.


आज चंबल जैसी डकैती दिल्ली में खुलेआम हो रही है. न सिर्फ डकैती, बल्कि दिनदहाड़े रेप, लूटपाट, हत्या की वारदात हो रही हैं. अपराधियों में कानून का कोई खौफ ही नहीं है. 


मंत्री गोपाल राय: वहीं मंत्री गोपाल राय ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली की कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. राजधानी में बढ़ रहे अपराधों से यह स्पष्ट हो गया है कि एलजी साहब से दिल्ली की कानून व्यवस्था नहीं संभल रही है. 


दिल्ली में कानून व्यवस्था किसकी जिम्मेदारी है 


राजधानी दिल्ली में कानून व्यवस्था अर्थात ला एंड आर्डर दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी है और दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन है.


जानते हैं दिल्ली की कुछ बड़ी लूट की घटनाओं के बारे में...


1. गुरुग्राम में लगभग तीन साल के बाद, पिछले साल (2022) में शहर की सड़कों और बाजारों में लूट की घटनाओं में बढ़त देखी गई. 


2. साल 2019 में लुटेरों ने दिल्ली के ओखला में एक न्यायाधीश की कार से एक बैग चुरा लिया था. 


3. उसी साल यानी साल 2019 में जब अभिनेता फरहीन प्रभाकर दक्षिण दिल्ली में सेलेक्ट सिटी वॉक के लिए जा रहे थे तो रास्ते में चार लुटेरों ने उन पर हमला किया और दिन दहाड़े उनका पर्स और मोबाइल लूट लिया था. 


4. अक्टूबर 2021 में, दिल्ली के द्वारका में बदमाशों ने एक पुलिस अधिकारी की कार को तोड़ा और उनका लैपटॉप और वर्दी दोनों लेकर रफूचक्कर हो गए. 


5. दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की एक प्रवक्ता भी इन लुटेरों का निशाना बन चुकी हैं. घटना साल 2019 की है, उस वक्त मोटरसाइकिल पर सवार चार लोगों का एक समूह उनका पर्स लेकर फरार हो गया, जिसमें लगभग 60,000 रुपये थे.