Sand Mining Case In Punjab: पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के रिश्तेदार भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) उर्फ हनी और उसके सहयोगियों के यहां मारे गए छापों के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भारी मात्रा में कीमती सामान और नकदी (Cash) बरामद किए हैं. इस छापेमारी (Raid) में ईडी को करीब ₹10 करोड़ से ज्यादा की नकदी मिली है. उसके अलावा 21 लाख रुपए से अधिक का सोना (Gold) और 12 लाख रुपए की रोलेक्स (Rolex) की घड़ी समेत कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं. ईडी के छापेमारी के बाद हनी पर आयकर विभाग (Income Tax) का भी शिकंजा कस सकता है.


ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया की अवैध बालू खनन मामले में पिंजौर रॉयल्टी कंपनी और उसके साझेदारों शेयर धारकों जिनमें कुदरत दीप सिंह, कवर महीप सिंह, मनप्रीत सिंह, सुनील कुमार, भूपिंदर सिंह हनी, संदीप कुमार और अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी.


यह छापेमारी मोहाली लुधियाना रूपनगर फतेहगढ़ साहिब और पठानकोट इलाके में की गई थी. ईडी के मुताबिक इस छापेमारी के दौरान 10 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी कई मोबाइल फोन, 21 लाख रुपए से अधिक मूल्य का सोना और 12 लाख रुपए मूल्य की एक रोलेक्स घड़ी बरामद की गई. ईडी ने यह मामला पंजाब के पुलिस थाने शहीद भगत सिंह नगर द्वारा दर्ज विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज किया था.


पंजाब पुलिस की एफआईआर में कहा गया था कि खनन विभाग नागरिक प्रशासन एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम ने 7 मार्च 2018 को अवैध बालू खनन के संबंध में आ रही शिकायतों को देखते हुए औचक निरीक्षण किया. इस निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कई मशीनों द्वारा कई खदानों की खुदाई की जा रही थी और खनन उस क्षेत्र में नहीं किया जा रहा था जहां का लाइसेंस प्राप्त था.


संयुक्त दल ने कई टिप्पर ट्रक मशीनें आदि को पकड़ लिया और जब्त कर लिया. जब्त किए गए ट्रकों में भी रेत भरी पाई गई. संयुक्त टीम ने मौके से एक ऐसी तौल पर्ची भी बरामद की जो वास्तव में सरकारी कार्यालय द्वारा जारी ही नहीं की गई थी यानी फर्जी रसीद थी.


पंजाब पुलिस की एफआईआर के मुताबिक जांच के दौरान पाया गया कि पंजाब के मलिकपुर के अलावा दरअसल लाली बाल मंडला और खोसा में भी अवैध खनन की गतिविधियां की गई थी. उपलब्ध सूचना के आधार पर उक्त खान मालिकों और उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच शुरू की गई थी.


प्रवर्तन निदेशालय इस बारे में जानना चाहता था कि अपराध की आय को वैध बनाने के लिए पैसे को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए कहां-कहां भेजा गया है. ईडी सूत्रों के मुताबिक इस मामले में भूपेंद्र सिंह उर्फ हनी जिसके यहां छापा मारा गया वह पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी का रिश्तेदार बताया जाता है.


जांच एजेंसियों को शक है कि मुख्यमंत्री चन्नी के रिश्तेदार हनी के यहां से बरामद पैसा चुनावों के लिए भी इकट्टा किया गया हो. क्योंकि यह पैसा छोटे बैगों मे भरा हुआ मिला है और इन पैसों में पांच सौ के अलावा दो-दो सौ रुपये के नोट भी शामिल हैं.


फिलहाल हनी और उसके सहयोगियो से इस पैसे की बाबत पूछताछ जारी है. आने वाले दिनों मे मुख्यमंत्री चन्नी की मुश्किलें एक बार फिर बढ सकती है. क्योंकि ईडी के बाद आयकर विभाग भी हनी पर अपना शिकंजा कस सकता है. आय़कर विभाग यह जानने की कोशिश करेगा कि करोड़ो रुपये की जो रकम हनी के यहां से बरामद हुई है उसकी बाबत उसने अपनी आयकर रिटर्न मे जानकारी दी थी या नहीं.


ईडी की रिपोर्ट के बाद आयकर विभाग भी एक्शन मे आ सकता है. फिलहाल जांच एजेंसी छापे के दौरान बरामद दस्तावेजों का आकलन कर रहा है. इस मामले की जांच जारी है. जल्द ही इन लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.


रिनेबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए मोदी कैबिनेट का फैसला, 1,500 करोड़ रुपये की दी मंजूरी


जब दो यात्री विमान आ गए एक-दूसरे के सामने, फिर...