नई दिल्ली: सरकार ने आज माना कि बाजार में दो हजार रुपये के नोटों की ताजा सप्लाई रोक दी गयी है, क्योंकि बाजार में पर्याप्त मात्रा में ये नोट मौजूद हैं. दूसरी ओर सरकार ने ये भरोसा जताया कि जल्द ही 500 रुपये के नोटों की छपाई पांच गुना बढ़ जाएगी. सरकार की ये सफाई ऐसे समय में आयी है जब बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश समेत कुछ राज्यों में एटीएम खाली पड़े हैं और नोटबंदी के बाद जैसी स्थिति है जब ना तो एटीएम से और ना ही शाखाओं से जरुरत के मुताबिक नकदी मिल पाती है.


हालांकि सरकार का दावा है कि बाजार में जितने नोट चलन में है, वो नोटबंदी के समय से कहीं ज्यादा हैं. नोटबंदी के समय साढ़े सत्रह लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी चलन में थी, जबकि आज ये रकम 18 लाख करोड़ रुपये के पार हो गयी है. वैसे सरकार संकट जैसी किसी बात से साफ तौर पर इनकार कर रही है.


दो हजार-पांच सौ रुपये के नोट


आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने जानकारी दी कि इस समय व्यवस्था में 6.70 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा के दो हजार रुपये के नोट उपलब्ध हैं. ये जरुरत के मुताबिक काफी हैं, इसीलिए करीब दो महीने से इस कीमत की नोट की ताजा सप्लाई रोक दी गयी है. दूसरी ओर गर्ग ने इस संभावना से इनकार नहीं किया कि दो हजार रुपये के नोट की जमाखोरी हो रही है. वैसे उन्होंने ये भी कहा कि दो हजार रुपये ही नहीं, बाकी दूसरे नोट भी जितने बाजार में लाए गए, उससे कम ही वापस बैंकिंग व्यवस्था में आ रहे हैं.


गर्ग ने बताया कि अभी हर दिन 500 रुपये के 500 करोड़ रुपये के नोट छापे जा रहे हैं. अब इस नोट की छपाई क्षमता पांच गुना करने की योजना है, यानी अगले कुछ दिनों में हर दिन 2500 करोड़ रुपये के 500 के नोट छापे जा सकेंगे. इससे हर महीने 75000 करोड़ रुपये तक के 500 के नोट व्यवस्था में मुहैया कराए जा सकेंगे.


नकदी की बढ़ी भारी मांग


गर्ग ने बताया कि पहले औसतन जहां औसतन 19-20 हजार करोड़ रुपये की देश भर में नकदी की मांग होती थी, वहीं अब ये 40-45 हजार करोड़ रुपये पर पहुंच गयी है. अकेले अप्रैल की ही बात करें तो ये महज 13 दिनों में 45 हजार करोड की मांग हुई है. बतौर गर्ग, वैसे राहत की बात ये है कि जितनी मांग हुई है, उतनी नकदी रिजर्व बैंक ने मुहैया कराया है और आगे भी यही होता रहेगा. उन्होंने बताया कि अभी भी दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का स्टॉक बना हुआ है, लिहाजा बढ़ी हुई मांग से निबटने में कोई भी परेशानी नहीं होगी.


अब मांग क्यों बढ़ी, इसका स्पष्ट जवाब गर्ग नहीं दे पाए. हालांकि उन्होंने माना कि लोग बड़े पैमाने पर पैसा निकाल रहे हैं. क्या इसकी वजह बैंकिंग क्षेत्र से एक के बाद एक घोटाले के सामने आना है, या एफआरडीआई बिल के प्रावधान है, या फिर कर्नाटक में चुनाव? गर्ग ने बैंकिंग घोटाले के बाद भय की स्थिति या फिर एफआरडीआई बिल की वजह से ज्यादा पैसा निकालने की बात से तो इनकार कर दिया, लेकिन ये जरूर माना कि राज्य विधानसभा चुनावों की वजह से सीमित इलाकों में ज्यादा निकासी हो सकती है.


कब तक स्थिति होगी सामान्य


गर्ग की मानें तो असामान्य स्थिति जैसी बात नहीं, क्योंकि मांग के मुताबिक नकद उपलब्ध करायी जा रही है और आगे भी कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी. वैसे गर्ग ने लोगों से अपील की कि बेवजह पैसा बैंक से ना निकाले. बैंकिंग व्यवस्था में कोई दिक्कत नहीं है.