मुंबई: मुंबई पुलिस ने झूठे दस्तावेजों के आधार पर मुंबई नगरपालिका में नौकरी पाने वाले नौ लोगों में से चार के खिलाफ मामला दर्ज किया है. माहिम पुलिस ने गलत दस्तावेज जमा करके बीएमसी के सफाई विभाग में नौकरी पाने वाले चार व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, उन्होंने मुंबई महानगरपालिका में काम करने के लिए एक एजेंट को 1 से 2 लाख रुपये का भुगतान किया था. इसके के बाद उन्हें स्वीपर की नौकर मिली.


जानकारी के मुताबिक़, मुंबई महानगरपालिका के चतुर्थ श्रेणी के कर्मी ड्यूटी पर रहते हुए सेवानिवृत्त हो जाते हैं या उनकी मौत हो जाती है तो उनके बच्चों को मुंबई नगरपालिका में फिर से नियुक्त किया जाता है. इसी नियम का गलत फायदा उठाकर अविनाश कुंचिकुरवे, आशीष बाबरिया, हरमेश खकरिया और गणेश कुंचिकुरवे ने बीएमसी में रिश्वत देकर नौकरी हासिल की. अब पुलिस ने इस सब को गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें श्रेणी में स्वीपर के रूप में भर्ती किया गया था, ये चारों बीएमसी के जी वार्ड में कार्यरत थे.


बीएमसी के दो और वार्डों में यह देखा गया कि इस स्कैम के चलते कुछ और लोगों को बीएमसी में नौकरी लगाई गई थी. इस संबंध में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई भी की गई है लेकिन कोविड-19 के कारण उत्पन्न स्थिति की वजह से इन अधिकारियों को बहाल कर दिया गया था.


यह मामला कैसे सामने आया?


जनवरी 2019 में, निगम के आंतरिक ऑडिट में पता चला कि चार व्यक्तियों ने 10 सितंबर, 2018 से 19 जनवरी, 2019 तक अपना वेतन लिया नहीं था. जब जांच की गई तो पता चला कि ये चारों एक ही महिला जिसका नाम दीपिका कांबले बताया जा रहा है उसके रिश्तेदार के तौर पर बीएमसी में नौकरी पर लगे थे. जबकि इन चारों का उस महिला के साथ कोई नाता नहीं था. इनके द्वारा जमा किए सारे दस्तावेज भी फ़र्ज़ी पाए गए.


पुलिस की जांच में ये पता चला कि ये चारों मुरगन कोको स्वामी नाम के एक एजेंट की मदद से बीएमसी में नौकर पर लगे थे. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि मुंबई के अन्य पुलिस थानों ने ऐसे मामले दर्ज किए हैं या नहीं?


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