Mahua Moitra Cash For Query: सवाल के बदले पैसे लेने के आरोप मामले में एथिक्स कमेटी की बैठक से महुआ मोइत्रा और विपक्षी सांसदों के वॉकआउट करने को लेकर बीजेपी ने पलटवार किया. मोइत्रा पर आरोप लगाने वाले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि ये इतिहास का काला दिन है.


दुबे ने कहा, ''मैंने दो कारणों के वजह से प्रेस वार्ता नहीं की. पहला यह कि मामला संसद की एथिक्स कमेटी देख रही है और दूसरा की राजनीति में ऐसे फैसले सोचकर लेते हैं. आज का दिन संसद के इतिहास का सबसे काला दिन है.''


दरअसल, लोकसभा की आचार समिति में शामिल विपक्षी सांसद महुआ मोइत्रा के साथ बैठक से बाहर निकल गए. समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर पर मोइत्रा से अनैतिक सवाल पूछने का आरोप लगाया.


निशिकांत दुबे ने क्या कहा?
दुबे ने आगे दावा किया कि एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर निचली जाती से आते हैं. इस कारण उनका विरोध हो रहा है.  महुआ मोइत्रा ने कुछ पैसों के लिए अपने जमीर को दांव पर रख दिया.  मोइत्रा ने देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है.  


दुबे ने बताया कि इसी संसद में दस हजार की रिश्वत के लिए भी हमने सांसदों को बर्खास्त होते देखा है. मोइत्रा अगर लिपस्टिक मंगा रही थी तो उनसे वो ही सवाल किया जाएगा. इन सबको उन्होंने निजी सवाल मान लिया है. 


मामला क्या है?
निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को 15 अक्टूबर को लेटर लिखा था. इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि मोइत्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अडानी ग्रुप मामले में छवि खराब करने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लिए थे.  इसके बाद  हीरानंदानी ने भी दावा किया था कि उन्होंने मोइत्रा को पैसे के साथ गिफ्ट भी दिए. 


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