'भले ही वे मुझे निष्कासित कर दें, मैं...', एथिक्स कमेटी के फैसले पर TMC सांसद महुआ मोइत्रा का पहला बयान
Cash For Query Case: सवाल के बदले पैसे वाले मामले में महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने कार्रवाई की सिफारिश की है, जिस पर टीएमसी सांसद ने प्रतिक्रिया दी है.
Mahua Moitra Case: कैश फॉर क्वेरी केस में लोकसभा की आचार समिति (एथिक्स कमेटी) ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है. कमेटी की ओर से गुरुवार (9 नवंबर) को मोइत्रा के खिलाफ एक रिपोर्ट अडॉप्ट की गई. इस पर महुआ मोइत्रा की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. टीएमसी सांसद ने कहा है कि भले ही उन्हें निष्कासित कर दिया जाए, लेकिन वह भारी अंतर से जीतकर फिर से वापस आएंगी.
क्या कहा टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने?
महुआ मोइत्रा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, ''भले ही वे मुझे निष्कासित कर दें, लेकिन मैं अगली लोकसभा में बड़े अंतर के साथ जीतकर आऊंगी.''
लोकसभा की आचार समिति की निष्कासन की सिफारिश पर महुआ मोइत्रा ने कहा, ''यह एक कंगारू अदालत द्वारा खेला गया पहले से 'फिक्स' मैच है.'' उन्होंने कहा, ''भारत के लिए यह संसदीय लोकतंत्र की मृत्यु है.''
बता दें कि बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली कमेटी ने गुरुवार को बैठक की जिसमें समिति की रिपोर्ट को स्वीकार किया गया. बैठक के बाद सोनकर ने पत्रकारों से कहा कि समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट को स्वीकार करने का समर्थन किया और चार ने इसका विरोध किया. वहीं, विरोध करने वाले विपक्षी सांसदों ने समिति की सिफारिश को ‘पूर्वाग्रह से युक्त’ और ‘गलत’ बतायां.
शायद पहली बार है जब लोकसभा आचार समिति ने... - लोकसभा के पूर्व महासचिव
सूत्रों ने बताया कि आचार समिति मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की है. लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी आचारी ने कहा कि यह शायद पहली बार है जब लोकसभा आचार समिति ने किसी सांसद को निष्कासित करने की सिफारिश की है.
वर्ष 2005 में ‘रिश्वत लेकर सवाल पूछने’ के एक अन्य मामले में 11 सांसदों को संसद से निष्कासित कर दिया गया था, लेकिन उनके निष्कासन की सिफारिश राज्यसभा की आचार समिति और लोकसभा जांच समिति की ओर से की गई थी.
संसद के अगल सत्र के दौरान सदन में पेश की जा सकती है रिपोर्ट
आचारी ने कहा कि लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट अब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजी जाएगी. उनका कहना है कि अब लोकसभा अध्यक्ष इसे प्रकाशित करने का आदेश दे सकते हैं. आचारी के अनुसार, संसद के अगले सत्र के दौरान समिति के अध्यक्ष सदन में रिपोर्ट पेश करेंगे और उसके बाद इस पर चर्चा होगी, जिसके बाद सदस्य के निष्कासन के लिए सरकार के प्रस्ताव पर मतदान होगा.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लगाया था महुआ मोइत्रा पर आरोप
समिति ने इस मामले में मोइत्रा का पक्ष भी जाना था. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्रई को भी समिति ने बुलाया था. देहाद्राई की ओर से साझा की गई जानकारी के आधार पर बीजेपी सांसद दुबे ने मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था.
मोइत्रा ने किसी भी तरह का आर्थिक लाभ लेने के आरोप से इनकार किया है. दुबे की शिकायत को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आचार समिति के पास भेज दिया था.
(भाषा इनपुट के साथ)
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