(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
आरोपों से घिरीं महुआ मोइत्रा बोलीं, 'CBI जांच को भी तैयार...', BJP ने उठाए सवाल, एथिक्स कमेटी के चेयरमैन ने क्या कहा?
Cash For Query Issue: टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के बदले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेने के मामले में बयानबाजी जारी है.
Cash For Query: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के बदले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेने के आरोपों को लेकर शुक्रवार (20 अक्टूबर) को वार पलटवार जारी रहा. लोकसभा की एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर ने कहा कि उन्हें रियल एस्टेट से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाले ग्रुप हीरानंदानी के सीईओ दर्शन हीरानंदानी का एफिडेविट मिला है. इसपर टीएमसी की नेता महुआ मोइत्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी का एजेंडा है मुझे चुप कराना.
उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, "एथिक्स कमेटी के चेयरमैन मीडिया से बात कर रहे हैं. कृप्या लोकसभा के नियम देखें. कैसे एफिडेविट मीडिया तक पहुंचा? चेयरमैन को इसकी जांच करानी चाहिए कि ये कैसे लीक हुआ. मैं दोहराती हूं कि बीजेपी एक सूत्रीय एजेंडा अडानी मामले में मेरा मुंह बंद कराने के लिए लोकसभा से निष्कासित करना.''
Chairman Ethics Committee openly speaks to media. Please see Lok Sabha rules below. How does “affidavit” find its way to media? Chairman should first do enquiry into how this was leaked.
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) October 20, 2023
I repeat - BJP 1 point agenda is to expel me from LS to shut me up on Adani pic.twitter.com/6JHPGqaoTI
एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर ने क्या कहा?
विनोद सोनकर ने कहा, "मुझे शुक्रवार (20 अक्टूबर) को अपने ऑफिस से सूचना मिली कि हीरानंदानी की दो पेज की चिट्ठी आई है. 26 तारीख को मैंने एथीक्स कमेटी की बैठक बुलाई गई है, जिसमें सांसद निशिकांत दुबे और वकील को बुलाया गया है." सोनकर ने कहा, "निशिकांत दुबे कमेटी के सामने आकर अपना बयान दर्ज कराएंगे और जो भी सबूत उनके पास होंगे वह कमेटी को देंगे. कमेटी इन सभी सबूतों को संज्ञान में लगी उनकी जांच करेगी"
एफिडेविट में क्या है?
दर्शन हीरानंदानी ने गुरुवार (19 अक्टूबर) को हलफनामे में कहा कि मोइत्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के लिए उद्योगपति गौतम अडानी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मोइत्रा का इरादा पीएम मोदी की छवि को खराब करना था क्योंकि उनकी प्रतिष्ठा के कारण विपक्षी दलों को उन पर हमले का मौका नहीं मिलता.
उन्होंने दावा किया मोइत्रा ने ‘‘महंगी लग्जरी आइटम, यात्रा खर्च, छुट्टियों के अलावा देश और दुनिया में विभिन्न स्थानों पर उनकी यात्राओं के लिए मदद की लगातार मांग की.’’
महुआ मोइत्रा ने और क्या कहा?
मोइत्रा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘‘अगर मुझे बुलाया जाता है तो मैं सीबीआई और आचार समिति (जिसमें बीजेपी सदस्यों का पूर्ण बहुमत है) को सवालों के जवाब देने को तैयार हूं. मेरे पास अडानी के निर्देशित मीडिया सर्कस ट्रायल या बीजेपी के ट्रोल्स को जवाब देने के लिए न तो समय है और न ही दिलचस्पी है. ’’ उन्होंने कहा, ''मैं नदिया में दुर्गा पूजा मना रही हूं. शुभो षष्ठी.’’
मोइत्रा ने कहा, ‘‘तीन दिन पहले (16 अक्टूबर 2023) हीरानंदानी समूह ने एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं. आज (19 अक्टूबर 2023) एक इकबालिया हलफनामा प्रेस में लीक हुआ. यह शपथपत्र सफेद कागज के एक टुकड़े पर है, जिसमें कोई ‘लेटरहेड’ (शीर्षक) नहीं है और मीडिया में लीक होने के अलावा यह आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया गया है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘पीएमओ ने दर्शन और उनके पिता पर बंदूक तानी और उन्हें भेजे गए पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए 20 मिनट का समय दिया गया. उनके सभी कारोबारों को पूरी तरह बंद करने की धमकी दी गई. उनके पिता रियल एस्टेट कारोबार में है, जो सरकार के लाइसेंस पर निर्भर करता है.’’
बीजेपी ने क्या कहा?
महुआ मोइत्रा के खिलाफ 'कैश फॉर क्वेरी' के आरोप पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "संसदीय प्रक्रिया में रिश्वतखोरी के लिए कोई जगह नहीं है. यह मामला लोकसभा आचार समिति के समक्ष है जो अपना काम कर रही है.''
एबीपी न्यूज को सूत्रों ने बताया कि, निशिकांत दुबे इस मामले में एक और शिकायत पत्र लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखेंगे. इसमें वो मोइत्रा की जय अनंत देहादराई को प्रभावित करने की शिकायत करेंगे.
दिल्ली हाई कोर्ट ने क्या कहा?
दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार (20 अक्टूबर) को कहा कि वह यह जानकर ‘‘हैरान’’ है कि महुआ मोइत्रा के वकील ने मोइत्रा और उस वकील से संपर्क कर मध्यस्थता करने का प्रयास किया, जिसके खिलाफ सांसद ने कोई भी मानहानिकारक सामग्री प्रसारित करने से रोकने के लिए आदेश जारी करने का अनुरोध किया है.
जस्टिस सचिन दत्ता ने वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन से कहा, ‘‘मैं वाकई हैरान हूं. आप ऐसे व्यक्ति हैं, जिनसे उच्चतम पेशेवर मानक बनाए रखने की उम्मीद की जाती है. यदि आप प्रतिवादी संख्या दो (अधिवक्ता जय अनंत देहाद्रई) के संपर्क में रहे हैं.''
शंकरनारायणन उस मुकदमे में मोइत्रा का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, जो उन्होंने निशिकांत दुबे, देहाद्रई और कई मीडिया संस्थानों के खिलाफ अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण बयानों के प्रकाशन, प्रसारण से स्थायी रूप से रोके जाने और हर्जाने के लिए दायर किया है. जज के सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताए जाने के बाद शंकरनारायणन ने मामले से खुद को अलग कर लिया.
मामला क्या है?
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्रई ने आरोप लगाया कि मोइत्रा ने संसद में सवाल उठाने के लिए हीरानंदानी से मदद ली.
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