Cash for Query Issue: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे सवाल पूछने के बदले पैसे लेने के आरोप पर बयानबाजी जारी है. इस बीच मंत्री और सीएम ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले फिरहाद हकीम ने एबीपी नेटवर्क का हिस्सा एबीपी आनंद से बात करते हुए बीजेपी पर हमला किया.
टीएमसी नेता फिरहाद हकीम ने कहा कि मुहआ मोइत्रा पर आरोप उन्हें बदनाम करने के लिए लगाया जा रहा है क्योंकि वे केंद्र सरकार के खिलाफ मुखर रही हैं. उन्होंने कहा, '' वो (मुहआ मोइत्रा) लड़ाई करने में सक्षम है. मैं टीएमसी का प्रवक्ता नहीं हूं तो पार्टी की ओर से तो नहीं बोल सकता है, लेकिन निजी तौर पर बोलूं तो ये सब उन्हें (मुहआ मोइत्रा) को चुप कराने के लिए किया जा रहा है ताकि वो बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से सवाव नहीं करें.''
शुरुआत में माना जा रहा था कि टीएमसी पूरे मामले को लेकर बीजेपी पर हमलावर नहीं है, लेकिन टीएमसी नेता फिरहाद हकीम के बयान से ऐसा नहीं दिख रहा.
टीएमसी ने क्या कहा?
टीएमसी ने रविवार (22 अक्टूबर) को कहा कि महुआ मोइत्रा मामले पर अपना रुख स्पष्ट कर चुकी हैं तो ऐसे में अब संसद की एथिक्स कमेटी की जांच का इंतजार करेगी. टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, ‘‘हमने मीडिया में आई खबरें देखी हैं. पार्टी नेतृत्व की ओर से मोइत्रा को अपने ऊपर लगे आरोपों के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने की सलाह दी गई है, हालांकि, वह पहले ही ऐसा कर चुकी हैं.’’
मामला क्या है?
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई ने आरोप लगाया है कि महुआ मोइत्रा ने सवाल करने के बदले हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी से पैसे लिए थे. इसको लेकर हीरानंदानी का एक एफिडेविट भी सामने आया है. इसमें वो इस बात को स्वाकीर करते हुए कह रहे हैं कि गौतम अडानी को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वो पीएण मोदी की छवि खराब करना चाहती थीं.
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