Cash for Query Row CBI initiates Inquiry: तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा 'कैश फॉर क्वेरी' मामले में मुश्किलें बढ़ेंगी. जानकारी के मुताबिक, लोकपाल के निर्देश पर सीबीआई की ओर से मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है. प्रारंभिक जांच में सीबीआई यह देखेगी कि महुआ मोइत्रा के खिलाफ लगे आरोपों में कितनी सच्चाई है, उसके बाद ही आगे की स्थिति स्पष्ट होगी. इस जांच को शुरू करने पर विपक्ष की ओर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आई हैं.
सीबीआई जांच शुरू किए जाने के मामले पर महुआ मोइत्रा ने अपने आधिकारिक हैंडल 'एक्स' पर लिखा कि ''यह देखकर आश्चर्य हुआ कि बिना किसी पूर्णकालिक अध्यक्ष के बिना लोकपाल ने मेरे मामले को सीबीआई को कैसे "रेफर" कर दिया. 3/11/23 की आरटीआई कहती है कि मई 2022 से लोकपाल का कोई अध्यक्ष नहीं है और 8 में से 3 सदस्य पद भी खाली हैं. हो सकता है कि पिटबुल एसोसिएशन की झारखंड शाखा भी बीजेपी के अधीन लोकपाल समिति के रूप में काम कर रही हो.''
आरोप बेहद गंभीर, सीबीआई जांच का स्वागत- तेजस्वी सूर्या
बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद तेजस्वी सूर्या का कहना है, "आरोप बहुत गंभीर हैं. एक संसद सदस्य की जिम्मेदारी संसद सदस्य के रूप में कार्य करना है. हम उन लोगों की आवाज बनना है जिन्होंने हमें उस पद के लिए चुना है ना कि कुछ कॉर्पोरेट संस्थाओं के एजेंट के रूप में काम करने वालों के लिए. उन्होंने कहा कि वाकई आरोप बेहद ही संगीन हैं और मैं इन आरोपों की सीबीआई जांच का स्वागत करता हूं. मुझे उम्मीद है कि कानून अपना काम करेगा और बहुत जल्द सच्चाई बाहर सामने आएगी.
गैर बीजेपी शासित राज्यों में नेताओं को बनाया जा रहा निशाना- अनिल देशमुख
एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता अनिल देशमुख का कहना है, "पता चला है कि महुआ मोइत्रा पर आज सीबीआई जांच शुरू हो गई है. इस मामले में संसद की एक जांच समिति पहले ही गठित की जा चुकी है. पूरा देश देख रहा है कि किस तरह से सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग हो रहा है. चाहे महाराष्ट्र हो, पश्चिम बंगाल हो या राजस्थान, जिस भी राज्य में बीजेपी सत्ता में नहीं है, वहां के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है..."
पार्टी और बंगाल को परेशान करने का पूरा प्रयास- शशि पांजा
टीएमसी नेता शशि पांजा का कहना है कि यह हमारी पार्टी की सांसद, पार्टी और बंगाल को परेशान करने के लिए एक ठोस कोशिश और एक जादू-टोना है. हम उन पर लगे दो आरोपों के संबंध में फिर से तथ्य दोहरा रहे हैं. उन्होंने कहा कि एथिक्स कमेटी का झगड़ा, उनके साथ व्यवहार और यहां तक कि निष्कासन की सिफारिश... यह पूरी प्रक्रिया उनको बदनाम करने की है. टीएमसी नेता ने कहा कि इस तरह की हरकतों से वो बंगाल में जीत नहीं पाएंगे. सीबीआई और जांच एजेंसियों का उपयोग नहीं किया जा रहा है, उनका दुरुपयोग किया जा रहा है.
एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को सदन पटल पर भी नहीं रखा- दानिश अली
बीएसपी सांसद दानिश अली ने कहा, ''इस देश में कुछ तुच्छ शिकायतों पर गोली की गति से कार्रवाई की जाती है. महुआ मोइत्रा का मामला संसद की एथिक्स कमेटी के पास था और वहां भी उनकी बात नहीं सुनी गई. अभी तो एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को सदन पटल पर भी नहीं रखा गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा लग रहा है कि स्क्रिप्ट कहीं और लिखी गई. ऐसा महसूस किया जाता है कि अगर किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ आवाज उठाई गई तो उस आवाज को दबाने की पूरी कोशिश की जाएगी लेकिन देश इसे बर्दाश्त नहीं करेगा...''
कानून को अपना काम करने दें- सीवी आनंद बोस
टीएमसी सांसद महुआ के 'कैश फॉर क्वेरी' मामले में सीबीआई की जांच शुरू होने पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि "कानून को अपना काम करने दें..."
महुआ मामले में सीबीआई का कोई लेना-देना नहीं- राशिद अल्वी
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई की जांच पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि यह मुद्दा संसद से संबंधित है और केवल वे ही इस पर निर्णय ले सकती है. सीबीआई के पास कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि इससे सीबीआई का कोई लेना-देना नहीं है. यह बदले की भावना है. यह सब महुआ मोइत्रा के लिए समस्याएं पैदा करने के लिए किया गया है. उन्होंने कहा कि जब से बीजेपी सत्ता में आई है तब से ईडी, सीबीआई और आयकर पार्टी की विंग के रूप में विपक्ष के खिलाफ काम कर रहे हैं.
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