TMC On Lok Sabha Ethics Panel: लोकसभा एथिक्स पैनल ने महुआ मोइत्रा को कैश-फॉर-क्वेरी मामले में 2 नवंबर को अपने सामने पेश होने के लिए समन भेजा. इसको लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने शनिवार (28 अक्टूबर) को आरोप की जांच कर रहे पैनल पर राजनीति से प्रेरित होने का आरोप लगाया.
टीएमसी नेता कुणाल घोष ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि लोकसभा एथिक्स पैनल राजनीति से प्रेरित है और महुआ मोइत्रा पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. वहीं दूसरी ओर वह बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी से संबधित मामले में सो रहे हैं और उनके खिलाफ छह साल से मामले लंबित पड़े हैं.
घोष का बयान ऐसे समय में आया है, जब एथिक्स पैनल ने 2 नवंबर को महुआ मोइत्रा को मामले के संबंध में गवाही देने के लिए बुलाया था. इससे पहले उन्होंने पैनल ने को दलील थी कि वह 5 नवंबर तक समिति के सामने पेश नहीं हो पाएंगी.
मोइत्रा ने तारीख बढ़ाने का किया था अनुरोध
इस पर एथिक्स कमेटी ने जवाब देते हुए कहा कि वह पेशी की तारीख बढ़ाने के किसी भी अनुरोध पर विचार नहीं करेगी. इससे पहले लोकसभा एथिक्स पैनल ने मोइत्रा को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों पर मौखिक साक्ष्य दर्ज करने के लिए 31 अक्टूबर को बुलाया था. मोइत्रा ने पहले से तय प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए 31 अक्टूबर को पैनल से मिलने में असमर्थता जताई थी.
5 नवंबर तक का मांगा समय
उन्होंने कहा कि वह 30 अक्टूबर से 4 नवंबर तक पश्चिम बंगाल में अपने निर्वाचन क्षेत्र कृष्णानगर में कई पूर्व-निर्धारित विजयादशमी कार्यक्रमों में भाग लेने जा रही हैं. टीएमसी नेता ने कहा, "मैं 5 नवंबर 2023 के बाद समिति की पसंद की किसी भी तारीख और समय पर समिति के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए समय दिए जाने का अनुरोध करती हूं."
ओम बिरला से की थी शिकायत
गौरतलब है कि भाजपा नेता ने आरोप लगाया था कि मोइत्रा ने संसद में सवाल पूछने के लिए उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से पैसे लिए थे. बीजेपी नेता ने जय अनंत देहाद्राई की ओर से दिए गए 'सबूत' का हवाला देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पास शिकायत दर्ज कराई थी.
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