Cash For Query Row: संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे लेने के आरोपों से घिरीं तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा 2 नवंबर को लोकसभा की आचार समिति (एथिक्स कमेटी) के सामने पेश होंगी. टीएमसी सांसद ने खुद इस बात की पुष्टि की है. 


महुआ मोइत्रा ने अपने बयान में कहा कि वह दो नवंबर को लोकसभा की एथिक्स कमेटी के समक्ष उपस्थित होंगी. इससे पहले उन्होंने एथिक्स कमेटी को 5 नवंबर के बाद सुनवाई करने के लिए एक पत्र लिखा था. इस पर एथिक्स कमेटी ने पेशी की तारीख आगे न बढ़ाने की बात कही थी. 


महुआ मोइत्रा ने मांगा था 5 नवंबर तक का समय


महुआ मोइत्रा ने शुक्रवार (27 अक्टूबर) को एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर को पत्र लिखकर समिति के सामने पेश होने की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि वह अपने संसदीय क्षेत्र में पहले से निर्धारित कार्यक्रमों के चलते 4 नवंबर से पहले दिल्ली नहीं आ सकती हैं. इस स्थिति में उन्हें 5 नवंबर के बाद पेश होने का समय दिया जाए.


कमेटी ने नहीं बढ़ाई तारीख


टीएमसी सांसद के पत्र पर एथिक्स कमेटी की ओर से कहा गया था कि मामले की गंभीरता और संसद के सम्मान से जुड़ा मामला होने के कारण अब इस तारीख को आगे बढ़ाने का महुआ मोइत्रा का कोई भी आग्रह स्वीकार नहीं किया जाएगा.


सुप्रीम कोर्ट के वकील के एक पत्र में लगे आरोप


बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप लगाए थे. दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के वकील और महुआ मोइत्रा के पूर्व पार्टनर रहे जय अनंत देहाद्राई के एक पत्र के हवाले से उन पर ये आरोप लगाए थे.


'मैंने हीरानंदानी से लिए गिफ्ट्स, लेकिन...'


इंडिया टुडे को हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कैश फॉर क्वेरी मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने कई खुलासे किए. उन्होंने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों को खारिज कर दिया. हालांकि, उन्होंने माना कि उनकी लोकसभा की आईडी से जुड़ी जानकारी बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के पास थी, जो उन्होंने खुद शेयर की थी.


इस इंटरव्यू में टीएमसी सांसद ने स्वीकार किया था कि उन्होंने हीरानंदानी से कुछ गिफ्ट्स लिए थे. महुआ मोइत्रा ने माना था कि हीरानंदानी ने उन्हें कुछ गिफ्ट्स दिए थे, जिनमें एक स्कार्फ, लिपस्टिक, मेकअप और मुंबई जाने के लिए एक कार और ड्राइवर शामिल है.


बंगले के रिनोवेशन के लिए पैसे लेने के आरोपों पर उन्होंने कहा था कि उनका सरकारी बंगला पुराना सा था, जिसे री-डिजाइन कराने के लिए हीरानंदानी से आर्किटेक्ट को बुलाने के लिए पूछा था, लेकिन उनका बंगला सीपीडब्ल्यूडी ने ही डिजाइन किया था.


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