Caste Census in Bihar: बिहार में जाति आधारित जनगणना को नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इस संबंध में मुख्य सचिव आमिर सुभानी ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना के दौरान आर्थिक आधार पर सर्वे कराने का प्रयास किया जाएगा. इसके लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इसे 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.


आमिर सुभानी ने कहा कि जाति आधारित जनगणना राज्य स्तर पर सामान्य प्रशासन विभाग (General Administration Dept) द्वारा किया जाएगा और जिला स्तर पर डीएम नोडल अधिकारी होंगे.


इससे पहले बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा था कि प्रदेश में जाति आधारित गणना की जाएगी.


उन्होंने कहा कि सब लोगों का चाहे वे किसी भी जाति या धर्म के हों, इसके तहत पूरा का पूरा आकलन किया जाएगा और इसके लिए बड़े पैमाने पर और तेजी से काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार की ओर से जो भी संभव हो मदद दी जाएगी, जनगणना कार्य में लगाए जाने वाले लोगों का प्रशिक्षण किया जाएगा.


नीतीश कुमार (Caste Census) ने कहा था, ‘‘जाति आधारित गणना के काम के लिए पैसे की जरूरत पड़ेगी तो उसका भी प्रबंध करना पड़ेगा. इसके बारे में विज्ञापन भी प्रकाशित किया जाएगा, ताकि एक-एक चीज को लोग जान सकें.'' बिहार विधानसभा में नौ दल हैं जिनकी सर्वसम्मति से ये फैसला लिया गया. 


जातिगत जनगणना (Caste Census) को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में उपमुख्यमंत्री तारकिषोर प्रसाद (Tarkishore Prasad), बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, राजद सांसद मनोज झा, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा सहित अन्य पार्टियों के नेता मौजूद रहे.


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