Caste Census Issue: जाति जनगणना के मुद्दे पर कांग्रेस ने क्यों तेज की मुहिम? 5 प्वाइंट में समझें
Karnataka Election 2023: कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार जातिगत जनगणना का मुद्दा उठा रहे हैं. इसके पीछे कांग्रेस की कई रणनीति है.
Rahul Gandhi On Caste Census: जातिगत जनगणना के मुद्दे पर मुहिम तेज करते हुए कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा दांव चल दिया है. रविवार को कर्नाटक में राहुल गांधी ने पीएम मोदी (PM Modi) को 2011 में यूपीए सरकार के समय हुए जाति जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करने की चुनौती दी तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर जातिगत जनगणना करवाने की मांग कर डाली. कांग्रेस ने नारा भी दिया है 'जितनी आबादी, उतना हक'.
कांग्रेस ने पिछ्ले साल उदयपुर चिंतन शिविर में ही जाति जनगणना का समर्थन किया था. लेकिन अचानक इस मुद्दे पर आई तेजी के पीछे कई ठोस वजह है.
ओबीसी के मुद्दे पर राहुल गांधी का पलटवार
मोदी सरनेम पर टिप्पणी के मामले में राहुल गांधी को हुई सजा के बाद बीजेपी इसे ओबीसी का अपमान बता कांग्रेस को घेर रही थी. अब कर्नाटक के कोलार में पलटवार करते हुए राहुल गांधी ने कह दिया है कि यदि पीएम मोदी जाति जनगणना के आंकड़े नहीं बताते तो यह ओबीसी का अपमान होगा. राहुल गांधी ने एससी, एसटी को आबादी के अनुपात में आरक्षण देने और आरक्षण पर 50% की अधिकतम सीमा को खत्म करने की मांग भी कर डाली.
कर्नाटक चुनाव में आरक्षण फैक्टर
कर्नाटक चुनाव में बीजेपी ने एससी, एसटी आरक्षण बढ़ाने का दांव चला है. इसकी काट में कांग्रेस आबादी के मुताबिक, आरक्षण की बात कर रही है. दलित, आदिवासी पिछड़ों को साथ में करने के लिए ही राहुल गांधी ने मंच से जाति जनगणना की मांग की.
जाति जनगणना के सहारे विपक्षी एकजुटता
जाति जनगणना के मुद्दे पर विपक्षी एकजुटता की नींव भी डालने की कोशिश की जा रही है. जातिगत जनगणना का मुद्दा विपक्षी गठबंधन के साझा न्यूनतम कार्यक्रम में काफी अहम रहने वाला है. सूत्रों के मुताबिक, बीते दिनों नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के साथ खरगे और राहुल गांधी की मुलाकात में भी इसको लेकर चर्चा हुई. नीतीश सरकार बिहार में जातिगत जनगणना करवा रही है. अखिलेश यादव जैसे ओबीसी नेता भी इसके पक्ष में हैं. जाहिर है यह मुद्दा कई गैर बीजेपी दलों को साथ ला सकता है.
धार्मिक ध्रुवीकरण की काट जातीय समीकरण
कांग्रेस को लगता है कि जाति आधारित जनगणना के जरिए बीजेपी के धार्मिक ध्रुवीकरण के चक्रव्यूह को तोड़ पाएगी. उदयपुर चिंतन शिविर में जाति जनगणना की मांग के बाद रायपुर अधिवेशन में कांग्रेस ने न्यायपालिका और निजी क्षेत्र में आरक्षण का एलान भी कर दिया.
ओबीसी वोट पर नजर
पीएम मोदी खुद ओबीसी समाज से हैं और बीते कुछ चुनावों में ओबीसी वोटर का रुझान बीजेपी की तरफ नजर आया है. ऐसे में कांग्रेस जाति जनगणना की मांग के जरिए ओबीसी वोट में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है.
निशाने पर लोकसभा चुनाव है लेकिन फिलहाल कर्नाटक और साल के अंत में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस इस मुद्दे को तौल लेना चाहती है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे दलित हैं जो विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम में जुटे हैं. ऐसे में देखना होगा कि विपक्ष का सोशल इंजीनियरिंग का दांव मोदी को हैट्रिक लगाने से रोक पाएगा या नहीं!