Caste Census: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने सोमवार को कहा कि अगर सभी राजनीतिक दल आम सहमति पर पहुंच जाते हैं तो वह राष्ट्रव्यापी जाति आधारित जनगणना को स्वीकार करेंगी. उनका यह बयान उस समय आया है जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 10 दलों के प्रतिनिधिमंडल ने जाति आधारित जनगणना पर जोर देने के लिए नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी.


ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘जब चर्चा होगी और अगर आम सहमति बन जाती है, तो मुझे इसे स्वीकार करने में कोई समस्या नहीं होगी. अगर सभी राजनीतिक दल और राज्य आम सहमति पर पहुंचते हैं तो मैं नहीं लड़ूंगी. राजनीतिक दलों, मुख्यमंत्रियों और केंद्र सरकार को आम सहमति पर पहुंचने दें.’’


सीएम ने इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ कहने से इनकार करते हुए कहा कि एक राज्य से दूसरे राज्य में भावनाएं अलग-अलग होती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘नीतीश जी ने इस मुद्दे पर अपने सवाल रखे हैं. देखते हैं कि इस पर दूसरे लोग क्या प्रतिक्रिया देते हैं.’’


बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न जातियों के आंकड़े विकास योजनाओं को प्रभावी ढंग से तैयार करने में मदद करेंगे क्योंकि उनमें से कई को अब तक उनकी वास्तविक आबादी के अनुरूप लाभ नहीं मिला है. पीएम मोदी से मिलने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में नीतीश कुमार के अलावा आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) समेत कई अन्य दलों के प्रतिनिधि भी शामिल थे. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने जाति आधारित जनगणना का मजबूती से समर्थन किया.


नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी बात धैर्य से सुनी. इस मामले पर प्रधानमंत्री के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मोदी ने इसे (जाति आधारित जनगणना को) ‘‘खारिज नहीं’’ किया और हरेक की बात सुनी. उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना से विभिन्न विकास योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी.


वहीं तेजस्वी यादव ने जाति आधारित जनगणना के समर्थन में कहा कि यह गरीबों के लिए मददगार साबित होने वाला ‘ऐतिहासिक’ कदम होगा. उन्होंने कहा कि यदि जानवरों और पेड़ों की गणना की जा सकती है तो लोगों की भी गणना की जा सकती है.


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