Caste Survey Data Highlights: बिहार में जाति सर्वे जारी होने पर क्या बोले नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, राहुल गांधी और सम्राट चौधरी? हर अपडेट पढ़ें यहां
Bihar Caste Survey Report: बिहार में जातिगत सर्वे को लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि जल्दी से सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाएंगे. वहीं बीजेपी ने कहा कि यह आधी रिपोर्ट है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "सब कुछ करने के बाद नतीजा सामने आया है. उसके बाद हमने हर परिवार की आर्थिक स्थिति की जानकारी ली है... कल सर्वदलीय बैठक में हम सारी बातें सबके सामने रखेंगे.'' उन्होंने कहा कि बैठक में सबकी राय लेकर सरकार सभी जरूरी कदम उठाएगी.
बिहार के जाति आधारित सर्वे के आंकड़ों पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बड़ा बयान दिया है. राहुल ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, ''बिहार की जातिगत गणना से पता चला है कि वहां OBC + SC + ST 84% हैं. केंद्र सरकार के 90 सचिवों में सिर्फ 3 OBC हैं, जो भारत का मात्र 5% बजट संभालते हैं! इसलिए, भारत के जातिगत आंकड़े जानना जरूरी है. जितनी आबादी, उतना हक - ये हमारा प्रण है.''
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा है, ''लगभग 85 फीसदी पिछड़े-अतिपिछड़े लोग हैं. सामाजिक आर्थिक न्याय की हमारी योजना है. अब हम विशेष योजनाएं लाकर लोगों की सेवा करेंगे. पूरे देश मेंं जाति जनगणना होनी चाहिए.''
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर राज्य के जातीय आधारित सर्वे पर प्रतिक्रिया दी है. सुशील मोदी ने कहा, ''जातीय गणना कराने का निर्णय बीजेपी सरकार ने किया था. आज बिहार सरकार ने आंकड़ा सार्वजनिक किया है. बीजेपी आंकड़ों का अध्ययन कर रही है.''
बिहार के जाति आधारित सर्वे के आंकड़ों पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा है, ''नीतीश कुमार की सरकार को मैंने कहा ही था की सर्वे जारी करें लेकिन यह आधा-अधूरा है.'' इसी के साथ उन्होंने कहा, ''लालू जी की आदत ही रही है की जातीय वैमनस्य फैलाया जाए और वोट बंटोरे जाए. बीजेपी ने ही मंडल कमिशन की सिफारिशों को लागू किया था. बीजेपी ने ही मंडल और कमंडल को लागू किया था. बीजेपी केवल एक ही एजेंडे पर चलती है और वह है विकास.''
बिहार के जाति आधारित सर्वे के आंकड़े आने के बाद आरजेडी नेता जयप्रकाश यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व सीएम लालू यादव को बधाई दी है. उन्होंने कहा, ''इस काम के लिए लालू जी और नीतिश जी को बधाई देते हैं. कई साल से यह लड़ाई चल रही थी.''
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'आज का दिन इतिहास में अमर रहेगा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की जनता को न्याय दिलाया है.'
जातीय गणना के आंकड़े सामने आने के बाद जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार जो बोलते हैं वह करते हैं. बीजेपी ने जातीय गणना रोकने की कोशिश की थी. देश को जातीय गणना के बिहार मॉडल को अपनाना चाहिए.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि बिहार सरकार को जातीय गणना के लिए बधाई. मध्य प्रदेश में हमारी सरकार बनने के बाद हम यहां भी जातीय गणना कराएंगे.
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा, "आज गांधी जयंती पर इस ऐतिहासिक क्षण के हम सब साक्षी बने हैं. बीजेपी की अनेकों साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम षड्यंत्र के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे को रिलीज किया. ये आंकड़े वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और तरक्की के लिए समग्र योजना बनाने एवं हाशिए के समूहों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए नज़ीर पेश करेंगे. सरकार को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो. हमारा शुरू से मनाना रहा है कि राज्य के संसाधनों पर न्यायसंगत अधिकार सभी वर्गों का हो. केंद्र में 2024 में जब हमारी सरकार बनेगी तब पूरे देश में जातिगत जनगणना करवायेंगे और दलित, मुस्लिम, पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी भाजपा को सता से बेदखल करेंगे."
जातिगत गणना के जारी आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह ने कहा, "इस देश में जातीय गणना होनी चाहिए. हमें जातियों की संख्या पता होनी चाहिए. जातीय गणना तो पूरे देश का विषय है."
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "जातिगत गणना हास्यसपद है. इसे पेश करने से पहले लालू नीतीश ये बताते कि अब तक वो कितने गरीबों को रोजगार दे चुके हैं, नौकरी दे चुके हैं. ये धूल झोंकने क़े बराबर है. आंख मे धूल झोकने वाली जाति गणना है. गरीबों को बरगला कर, समाज मे भ्रम फैलाकर इसे पेश किया है. आज लोग चांद पर जा रहा हैं और नीतीश लालू जाति गणना पेश कर रहे हैं. 33 साल की रिपोर्ट कौन देगा. लालू नीतीश दोनों मिलकर भ्रम फैला रहे हैं."
बैकग्राउंड
Caste Based Census: बिहार सरकार की ओर से कराई गई जातिगत गणना के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं. सोमवार (02 अक्टूबर) को मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट देते हुए कहा कि बिहार में हुई जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी हो गई है.
बिहार के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा, “बिहार में पिछड़ा वर्ग 27.13 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01 प्रतिशत, सामान्य वर्ग 15.52 प्रतिशत है. बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है.” उन्होंने कहा, “बिहार में सवर्णों की तादाद 15.52 प्रतिशत, भूमिहार की आबादी 2.86 प्रतिशत, ब्रहाणों की आबादी 3.66 प्रतिशत, कुर्मी की जनसंख्या 2.87 प्रतिशत, मुसहर की आबादी 3 प्रतिशत, यादवों की आबादी 14 प्रतिशत और राजपूतों की आबादी 3.45 प्रतिशत है.
सर्वे के आंकड़े सामने आने के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं. मामले पर बिहारके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं. जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई.
उन्होंने आगे कहा कि जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था. बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी और दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी.
इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है. जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है. इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी.
बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी तथा जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा.
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