Caste Survey In Andhra Pradesh: बिहार के बाद अब इस राज्य में होगी जातिगत जनगणना, 10 दिनों में 1.6 करोड़ परिवारों के सर्वे का आदेश
Caste Survey In Andhra Pradesh: अब आंध्र प्रदेश में भी जातिगत सर्वे की शुरुआत शुक्रवार से हो गई है.10 दिनों के भीतर 3.56 करोड़ की आबादी का जातिगत सर्वेक्षण किया जाएगा.
Caste Survey In Andhra Pradesh News: बिहार के बाद अब आंध्र प्रदेश सरकार ने जातिगत सर्वे की शुरुआत कर दी है. राज्य सरकार की योजनाओं को उचित लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए यह उपाय शुरू किया गया है. सर्वे 10 दिनों तक चलेगा. लोकसभा चुनाव से ऐन पहले इस जातिगत सर्वेक्षण को लेकर सुर्खियां तेज हो गई हैं. राज्य सरकार का कहना है कि इसका एक मात्र मकसद राज्य की लोक कल्याणकारी योजनाओं को उचित लाभार्थियों तक पहुंचाना है. सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक भविष्य में उन लोगों के विकास के लिए भी समर्पित योजनाएं बनायी जा सकेंगी.
जाति सर्वेक्षण की शुरुआत वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी द्वारा शुक्रवार (19 जनवरी) को विजयवाड़ा में डॉ. बी आर अंबेडकर की 125 फुट ऊंची प्रतिमा के अनावरण के साथ हुई. इस स्टैचू को "सामाजिक न्याय की प्रतिमा" नाम दिया गया है.
जातिगत सर्वे करने वाला दूसरा राज्य बना आंध्र प्रदेश
राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री सीएच श्रीनिवास वेणुगोपाल कृष्णा ने गुरुवार (18 जनवरी) की शाम राजमुंदरी में संवाददाताओं से कहा कि बिहार के बाद व्यापक जाति सर्वेक्षण करने वाला आंध्र प्रदेश देश का दूसरा राज्य होगा. कृष्णा ने कहा कि इससे राज्य सरकार को सबसे पिछड़े वर्गों की पहचान करने में मदद मिलेगी ताकि कल्याणकारी योजनाओं को सही लाभार्थियों तक पहुंचाया जा सके.
3.56 करोड़ की आबादी का होगा सर्वेक्षण
मंत्री ने बताया है कि यह सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई है कि तीन लाख से अधिक गांवों और वार्ड सचिवालय कर्मचारियों और स्वयंसेवकों की मदद से घर-घर सर्वेक्षण के माध्यम से डेटा सटीक रूप से एकत्र किया जाए. राज्य के प्रमुख सचिव (योजना) एम गिरिजा शंकर ने कहा कि ये गांव और वार्ड सचिवालय कर्मचारी और स्वयंसेवक 19 जनवरी के बीच कुल मिलाकर 1.2 करोड़ परिवारों को कवर करेंगे, जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों में 3.56 करोड़ आबादी और शहरी क्षेत्रों में लगभग 1.3 करोड़ आबादी वाले 44 लाख परिवार शामिल हैं. इस तरह कुल मिलाकर 1.6 करोड़ परिवार सर्वे के दायरे में होंगे.
आपको बता दें कि बिहार में जातिगत सर्वेक्षण के बाद काफी हंगामा खड़ा हुआ था. आरोप लगे थे कि राजनीतिक मकसद से जातिगत सर्वेक्षण करवाया गया था. इसके बाद पूरे देश में इसी तरह के सर्वे की मांग तेज हो गई थी. अब लोकसभा चुनाव से पहले आंध्र प्रदेश की सरकार में भी इसी तरह का निर्णय लिया है.
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