रेणुका चौधरी के मुताबिक कास्टिंग काउच सिर्फ बॉलीवुड या एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री तक सीममित नहीं हैं, ये ऐसी सच्चाई है जिसे हर क्षेत्र में देखा जा सकता है. उन्होंने कहा, '''ऐसा मत समझिए कि संसद इससे अछूती है या अन्य कार्यस्थल इससे बचे हुए हैं. यह ऐसा समय है जब भारत ने आवाज उठानी शुरू की है और कहा है- मी टू.' कांग्रेस की ओर से अभी तक रेणुका चौधरी के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
सरोज खान के बयान से शुरू हुआ विवाद
दरअसल पूरा विवाद कास्टिंग काउच को लेकर कोरियोग्राफर सरोज खान के बयान से शुरू हुआ. बॉलीवुड में कास्टिग काउच को जायज़ ठहराते हुए सरोज खान का तर्क था कि ये दोनों की मर्जी से होता है और कम से कम इससे रोजगार मिलता है. विवाद बढ़ने के बाद सरोज खान ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली.
क्या कहा था सरोज खान ने?
एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ''ये सब बाबा आदम के जमाने से हो रहा है. ये नया नहीं है. कोई ना कोई लड़कियों का फायदा उठाने की कोशिश करता है. ये तो सरकार के लोग भी करते हैं. तुम लोग फिल्म इंडस्ट्री के पीछे क्यों पड़े हो? वो कम से कम रोटी तो देते है. रेप करके छोड़ तो नहीं देते.''